नई दिल्ली : वित्तमंत्री अरुण जेटली वित्त वर्ष 2017-18 के बजट में सेवा कर की दरों को बढ़कर 16-18 प्रतिशत के बीच करने का प्रस्ताव ला सकते हैं. फ़िलहाल यह दर 15 प्रतिशत है. मान लीजिये यह प्रस्ताव स्वीकृत हो जाता है तो सेवा कर बढ़ने से फोन, उड़ान, रेस्तरां और कई अन्य प्रकार की सेवाओं का उपभोग करने वालों की जेब और ढीली हो जाएगी. जीएसटी आगामी एक जुलाई से लागू करने का लक्ष्य है.जीएसटी के लागू होने पर केंद्र और राज्य सरकार की ओर से लगाए जाने वाले तमाम अप्रत्यक्ष कर इसमें शामिल हो जाएंगे. बता दें कि कर विशेषज्ञ सेवा कर की दर को इस बार के बजट में इसमें से एक स्तर के नजदीक ले जाना तर्कसंगत मानते हैं . चूंकि इस समय सेवा कर की मुख्य दर 15 प्रतिशत है ऐसे में इसे 16 प्रतिशत के स्तर के करीब ले जाया जाना स्वाभाविक माना जा रहा है.जेटली ने अपने पिछले बजट में सेवा कर की दर 0.5 प्रतिशत बढ़ाकर 15 प्रतिशत किया था. विशेषज्ञों की राय में वे इस बार इसे 16 प्रतिशत तक ले जा सकते हैं. पर कुछ विशेषज्ञों की राय है कि विभिन्न सेवाओं को अलग अलग स्तर की दरों के साथ रखा जा सकता है.ध्यान रहे कि इस साल का आम बजट 1 फरवरी बुधवार को पेश किया जाएगा. बजट को चुनाव तक टालने के लिए अखिलेश ने PM को लिखा खत आगामी बजट में खत्म हो सकती है चीनी की सब्सिडी