नई दिल्ली : इस साल 1 फरवरी को लोक सभा में वित्त मंत्री अरुण जेटली सालाना बजट पेश करेंगे.जैसे - जैसे बजट का दिन नजदीक आ रहा है . आम आदमी की घबराहट बढ़ती जा रही है. वैसे ही नोटबन्दी के असर से अभी तक उबर नहीं सके उद्योग जगत को भी करों में छूट मिलने का इन्तजार है.इसी बीच सूत्रों से मिल रही खबर के अनुसार आम आदमी पर सर्विस टैक्स का बोझ बढ़ सकता है.सम्भावना है कि सरकार सर्विस टैक्स की दर में 0.5 फीसदी से 1 फीसदी की वृद्धि कर सकती है. मिली जानकारी के अनुसार जब तक GST लागू नहीं हो जाता है, तब तक सरकार सर्विस टैक्स को 15 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी करने पर विचार कर रही है.बता दें कि GST की कई दौर की बैठक में राज्यों के बीच करों के दोहरे नियंत्रण और अन्य मसलों पर सहमति नहीं होने से GST को अप्रैल के बजाय जुलाई से लागू किया जाएगा . अनुमान जताया जा रहा है कि कुछ जरूरी सेवाएं सेवा कर के दायरे से बाहर भी हो सकती हैं. वहीं सामान्य सेवाओं पर 18 फीसदी सर्विस टैक्स का प्रस्ताव है. GST लागू होने तक कर संग्रह बढ़ाना भी सेवा कर में बढ़ोतरी का एक उद्देश्य है. ऐसी दशा में इतना तो तय है कि सेवाकर का बोझ आम आदमी पर जरूर बढ़ेगा. जीएसटी में दो करोड़ रुपये तक की टैक्स चोरी को बनाया जमानती अपराध रोजगार देने वाले उद्योगों के लिए वाणिज्य मंत्रालय ने जीएसटी में राहत मांगी