इंदौर : कभी -कभी प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा भी ऐसे काम हो जाते हैं, जो सवालिया निशान खड़े करते हैं. ऐसा ही एक मामला वात्सल्य ग्रुप का सामने आया है, जिसके द्वारा ग्राम दतोदा में किए गए निर्माण कार्य का लाखों रुपए का डायवर्शन शुल्क जमा नहीं किया है. कई नोटिस देने के बाद भी शुल्क की राशि जमा नहीं होने पर जिला प्रशासन की टीम बड़ी कार्रवाई करने के लिए बुधवार को गई थी,लेकिन बिल्डर द्वारा आश्वासन देने पर प्रशासन खाली हाथ लौट आया. उल्लेखनीय है कि यह मामला वात्सल्य बिल्डर्स और डेवलपर्स ग्रुप का है , जिसे प्रफुल्ल गाडगे और सचिन शर्मा संचालित करते हैं.इनका एक प्रोजेक्ट ग्राम दतोदा में चल रहा है .जहाँ निर्माण कार्य चल रहा है,लेकिन इस भूमि का 45 लाख रुपए का डायवर्शन टेक्स बकाया है. इसको जमा कराने के लिए कई बार नोटिस भी दिए गए और नोटिस ऑफिस में भी चस्पा किए गए .लेकिन राशि जमा नहीं हुई. इस पर महू एसडीएम प्रसून सिन्हा के निर्देश पर तहसीलदार मनीष श्रीवास्तव की टीम सपना -संगीता रोड स्थित ऑफिस को सील करने पहुंची. लेकिन पता नहीं ऑफिस में राजस्व टीम की बिल्डर ग्रुप से ढाई घंटे चली चर्चा में ऐसा क्या हुआ कि जिला प्रशासन की टीम को बिल्डर के कार्यकारी निदेशक अफसर नवाज़ बेग ने 48 घंटों में बकाया राशि जमा करने का आश्वासन लिखित में दिए जाने के बाद यह टीम खाली हाथ वापस लौट गई. ऐसे में कुर्की की कार्रवाई का मन बनाकर गई टीम का यूँ खाली हाथ लौटना कई संदेहों को जन्म दे रहा है. यह भी देखें अब प्रॉपर्टी को आधार से लिंक करना हो सकता है अनिवार्य प्लाट के नाम पर 15 लाख की धोखाधड़ी