कोरोना महामारी के कारण पिछले कई दिनों से शूटिंग बंद थी. परन्तु धीरे-धीरे सभी अपनी सुरक्षा का ध्यान रखते हुए शूटिंग शुरू की जा रही है. वही रवींद्रनाथ टैगोर की रचनाओं से बंगाली सिनेमा भी बेहद प्रभावित रहा है. उनकी कई लोकप्रिय कहानियों को जाने-माने फ़िल्मकारों ने सिनेमाई पर्दे पर प्रदर्शित किया है. रवींद्रनाथ टैगोर के अपने जीवन के किस्सों पर भी कुछ फ़िल्में बंगाली फ़िल्म इंडस्ट्री में बनायी गयी हैं. वही ऐसी ही एक फ़िल्म है कादम्बरी. यह टैगोर की भाभी कादम्बरी देवी की बायोपिक फ़िल्म है, जिसमें टैगोर के साथ उनके संबंधों को बहुत ख़ूबसूरती के साथ डायरेक्टर सुमन घोष ने सिनेमा के ज़रिए दर्शकों के सामने रखा था. वही अनुष्का शर्मा की नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ हुई मूवी 'बुलबुल' की कहानी के दोनों प्रमुख पात्रों की प्रेरणा 'कादम्बरी' से ही आयी लगती है, जिसे आगे बढ़ाते हुए एक सुपरनेचुरल थ्रिलर का रूप दे दिया गया है और इसी के साथ 'कादम्बरी' से इसकी समानता भी समाप्त हो जाती है.बता दे, इन दोनों मूवीज़ को जोड़ने वाली कड़ी परमब्रत चटर्जी हैं, जो 'कादम्बरी' में टैगोर के किरदार में थे, जबकि कोंकणा सेन शर्मा कादम्बरी बनी थीं. 'बुलबुल' में परमब्रत एक आवश्यक किरदार में नज़र आते हैं. बुलबुल एक स्ट्रांग संदेश देने वाली मूवी है, जिसमें थ्रिल या हॉरर की डोज़ बिल्कुल नहीं है, जैसा कि इसके टीज़र और ट्रेलर को देखकर उम्मीदे की गयी थी. 'बुलबुल' की कहानी की पृष्ठभूमि में 19वीं सदी के समाप्ति का बंगाली समाज और उस समय की वो सब बुराइयां हैं, जिन्हें समाप्त करने के लिए ईश्वर चंद्र विद्या सागर जैसे कई महान समाज सुधारकों ने सालों आंदोलन चलाए थे. मसलन, बाल विवाह, पुरुषवादी सोच और इसी कारण महिलाओं पर होने वाले अत्याचार और उन अत्याचारों को अपनी क़िस्मत मान लेने की स्त्री की मजबूरी. 'बुलबुल' इन सब सामाजिक बुराइयों से जूझती एक लड़की के अंदर फूटे क्रोध की परिणीति है. वही मूवी में सभी एक्टर्स का प्रदर्शन बेहद रोमांचक है. मशहूर एक्ट्रेस नाया रिवेरा की पीरू झील में पड़ी थी लाश, 6 दिन से थी उनकी तलाश एक्टिंग के साथ साथ अपनी गायकी के लिए भी मशहूर है Tanikella Bharani ट्रोल होने के बाद संयुक्ता हेगड़े दिया ट्रोलर्स को करारा जबाव