गुवाहाटी: असम में एक बार फिर अवैध अतिक्रमण पर बुलडोजर चला है। इस बार लखीमपुर जिले में पावा जंगल में अतिक्रमण को हटा दिया गया है। प्रशासन का कहना है कि अतिक्रमणकारियों ने जंगल की जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया था और ये काम जारी था। वहीं, लोगों का कहना है कि वो कई वर्षों से यहां रह रहे थे। इस पर अधिकारियों का कहना है कि, बीते कुछ वर्षों से यहाँ ये लोग अतिक्रमण कर रह रहे थे। रिपोर्ट के मुताबिक, अतिक्रमणकारियों में अधिकतर बंगाली बोलने वाले मुस्लिम हैं। अधिकारियों का कहना है कि पावा रिजर्व फॉरेस्ट की 2,560.25 हेक्टेयर भूमि में से महज 29 हेक्टेयर भूमि ही ऐसी है, जिस पर अतिक्रमण नहीं है। प्रशासन ने जंगल की 450 हेक्टेयर जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए मंगलवार (12 जनवरी) को कार्रवाई शुरू की थी। पुलिस अधिकारियों ने मीडिया को बताया है कि पावा रिजर्व फॉरेस्ट की 450 हेक्टेयर भूमि पर अतिक्रमण हटाने से 500 से अधिक परिवार प्रभावित हुए हैं। मंगलवार को जंगल के मोगली गांव से 200 हेक्टेयर भूमि से अतिक्रमण हटाया गया था। यहां से 201 परिवारों के अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया गया था। वहीं, बुधवार को आधासोना गांव की 250 हेक्टेयर जमीन को खाली कराया गया। यहां लगभग 299 परिवारों के अवैध निर्माण थे। रामचरितमानस को 'नफरती ग्रन्थ' बताने वाले चंद्रशेखर के समर्थन में पूरी RJD 'महिला ने खुद अपने ऊपर किया पेशाब, वो कथक डांसर..', कोर्ट में शंकर मिश्रा की दलील 'हमारी बातचीत हमेशा संजोकर रखूँगा...', शरद यादव के निधन पर भावुक हुए पीएम मोदी