अशोक की पत्‍नी ने कहा, जुर्म कबूलवाने के लिए पुलिस ने किया टॉर्चर

गुड़गांव.  रायन इंटरनैशनल स्कूल में प्रद्युम्न की हत्या के आरोप में बस कंडक्टर 74 दिनों बाद बुधवार को जेल से बाहर आ गया. अशोक ने घर लौटने पर मीडिया को धन्‍यवाद कहा. कोर्ट ने अशोक को 50,000 रुपये की जमानत राशि पर बेल दी है. इस पैसे का भुगतान अशोक के गांववालों ने  मिलकर किया. अशोक की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि सीबीआई ने अशोक को आरोपी नहीं बनाया है. साथ ही सीबीआई अशोक के खिलाफ कोई सबूत भी पेश नहीं कर पाई.

जेल से रिहा किये जाने के बाद अशोक वहां से सीधे सोहना के घांबरोज गांव में अपने घर गया. उसके साथ उसके वकील मोहित वर्मा और परिवार के सदस्य थे. अशोक की पत्‍नी ने एएनआई ने कहा कि पुलिस ने उसके पति को उल्टा लटकाकर मारा और टॉर्चर किया गया. उसने बताया कि अशोक से गुनाह कबूलवाने के लिए नशा भी दिया.

बता दें कि पहले गुड़गांव पुलिस ने इस केस में अशोक को ही मुख्य आरोपी बताते हुए अरेस्ट किया था. सीबीआई जांच में केस का अलग पहलू सामने आया। सीबीआई ने प्रद्युम्न के स्कूल में पढ़ने वाले 11वीं के स्टूडेंट को हत्या का मुख्य आरोपी बनाया है. 

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