जबलपुर: लॉकडाउन की वजह से करीब 6 महीने से खड़ीं यात्री बसें किसी तरह से सितंबर से चालु हो गईं थीं लेकिन अब ऐसा लग रहा है यह दोबारा बंद होने वाली हैं। जी हाँ, ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि अब तक बस का किराया निर्धारित नहीं हो पाया है। जी दरअसल मप्र बस ऑपरेटर एसोसिएशन और मप्र शासन के बीच बसों का किराया निर्धारित करने की सहमति तो बन गई है लेकिन अब तक किराया निर्धारित नहीं हो पाया है। ऐसे में अब खबरें हैं कि ऑपरेटरों ने बसों का संचालन बंद करने का मन बना लिया है। जी दरअसल कोरोना संक्रमण की वजह से यात्री नहीं मिल रहे हैं। इसी के चलते घाटे का हवाला देते हुए ऑपरेटरों ने शासन को यह अल्टीमेटम भी दे दिया है कि 17 अक्टूबर तक किराया निर्धारित कर उसे लागू किया जाए नहीं तो बसों के पहिए थम जाएंगे। इसके अलावा यह भी कहा गया है कि प्रदेशभर में संचालन बंद कर बसें खड़ी कर दी जाएंगी। वैसे आप सभी जानते ही होंगे कि जबलपुर से करीब 600 बसों का संचालन किया जाता है लेकिन कोरोना काल होने के कारण लगभग 150 बसों का संचालन ही हो रहा है। मप्र बस ऑपरेटर एसोएिशन के महामंत्री व किराया निर्धारण बोर्ड के सदस्य जय कुमार जैन ने परिवहन सचिव मप्र शासन को एक पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने अवगत कराया है कि ''कोरोना संक्रमण के कारण मार्गों पर यात्री नहीं मिल रहे हैं। डीजल, टैक्स और चालक, परिचालक, हेल्परों के वेतन का खर्चा बस मालिक वहन नहीं कर पा रहे हैं। कई बस मालिकों की आर्थिक स्थिति खराब हो चुकी है। ऐसे में किराए में वृद्घि करना आवश्यक हो गया है। यदि 17 अक्टूबर तक बस किराए में वृद्घि नहीं की जाती तो बसों का संचालन बंद कर देंगे।''