काठमांडू: पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रधान मंत्री केपी शर्मा ओली की अध्यक्षता में नेपाल सरकार ने काठमांडू और भारतीय बिहार राज्य को जोड़ने वाली पहली बस सेवा को ध्वजांकित किया. राजधानी में आयोजित उद्घाटन समारोह में नेपाल के भारतीय राजदूत मनजीव सिंह पुरी ने नेपाल के भौतिक बुनियादी ढांचे और परिवहन मंत्री रघुबीर महाशेथ के साथ भाग लिया था. ट्रम्प ने लगाया उत्तर कोरिया की IT कंपनियों पर लगाया प्रतिबंध नेपाल सरकार की प्रशंसा करते हुए पुरी ने अपने भाषण में कहा, "मुझे खुशी है कि हम (भारत और नेपाल) एक महत्वपूर्ण बस सेवा शुरू करने में सक्षम हैं जो सीधे बोधगया और काठमांडू को जोड़ सकता है". एक डीलक्स बस सेवा जो वातानुकूलित कुशन वाली सीटों जैसी आधुनिक सुविधाओं से लैस है, दो बौद्ध स्थलों, अर्थात् स्वयंभूनाथ स्तूप और बोधगया को जोड़ती है. रूस के उप-प्रधानमंत्री से मिली सुषमा स्वराज, कई अहम् मुद्दों पर हुई चर्चा स्वयंभूनाथ स्तूप काठमांडू में स्थित एक प्रसिद्ध बौद्ध मंदिर है, जबकि भारत में बोधगया तीर्थयात्रा का एक स्थान है जहां भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ. इस नई बस सेवा के शुरू होने से पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और दोनों पड़ोसियों के लिए अधिक राजस्व उत्पन्न होगा. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार से नेपाल की पहली बस सेवा को ध्वजांकित करने के लगभग तीन दिन बाद काठमांडू में यह सेवा शुरू की थी. उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कुमार ने कहा था कि चार बसें बोधगया से काठमांडू तक पटना, रक्सौल और बेरगंज के माध्यम से चलाई जाएंगी, जबकि चार और बसें पटना से जनकपुर तक मुजफ्फरपुर और सीतामढ़ी के माध्यम से जाएंगी. खबरें और भी:- Hindi Diwas 2018: अब आप भी स्मार्टफोन पर आसानी से कर सकते है हिंदी टाइपिंग स्पेस-एक्स कराएगी अंतरिक्ष की सैर अब QR कोड के जरिए उइगर मुस्लिमों पर नजर रख रहा है चीन : HRW