नई दिल्ली : कुछ दिनों पहले कोलकत्ता में पांच लोगों के गैंग ने स्कीमर्स के जरिए दर्जनों लोगों को लाखों रुपये की रकम में सेंद लगा दी. जिसके बाद से फिर एटीएम सुरक्षा को लेकर चिंता गहरा गई है. दरअसल एटीएम स्कीमिंग में डेबिट-क्रेडिट कार्ड की डेटा चोरी होती है. इसमें चोरों द्वारा स्कीमर नाम के एक छोटे डिवाइस को एटीएम मशीन से जोड़ दिया जाता है. उसके बाद जैसे ही कार्ड को एटीएम में स्वाइप किया जाता है, इसके मैगनेटिक स्ट्रिप पर स्टोर डेटा को स्कीमर कॉपी कर लेता है. बाद में चोर स्कीमर को एटीएम कार्ड स्वाइपिंग मेकनिजम से जोड़ देते हैं. लेकिन इसके साथ साथ चोर को आपके पिन की भी जरुरत पड़ेगी. जिसके लिए वह ATM में कैमरा लगा देते है. कार्ड डेटा और पिन जान लेने के बाद कार्ड की क्लोनिंग कर पैसे निकाल लिए जाते हैं या ऑनलाइन खरीदारी कर पैसे ख़त्म किये जाते है. आपको इससे सजग रहने के लिए केवल इतना करना है कि एटीएम इस्तेमाल से पहले इसे जरा ध्यान से देख लें यदि कार्ड रीडर सेक्शन आगे बढ़ा, बिगड़ा हुआ या फिर अव्यवस्थित या निकला हुआ दिख रहा है या कीपैड उभरा हुआ है तो समझ लें कुछ गड़बड़ जरूर है. अगर इनमे से किसी तरह का भी संकेत मिलता है तो मशीन का उपयोग न करें. ख़बरें और भी... पतंजलि का स्वदेशी समृद्धि कार्ड, मिलेगा 5 लाख का बीमा वैश्विक स्तर पर सोने - चांदी के दामों में गिरावट बाज़ार में आज फिर आई तेज़ी