भगवान न करे कोविड महामारी काल में कहीं कोई हादसा हो जाए या किसी और बीमारी में आपातकालीन सेवा की आवश्यकता पड़ जाए, क्योंकि पीड़ित को पूरे शहर में उपचार नहीं मिलेगा। हाल ही में एक ऐसी ही घटना घटी है। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर देर रात्रि साढ़े 3 बजे एक कार टोल प्लाजा के डिवाइडर से टकराकर पलट गई। घटना में चालक लहूलुहान हो गया। दर्दनाक बात यह है कि 108 एंबुलेंस का चालक लहूलुहान युवक को लेकर मेडिकल कालेज सहित कई हॉस्पिटल में गया, लेकिन सबने उपचार करने से मना कर दिया है। देहरादून से आए स्वजन उसे अपने साथ ले गए। देहरादून निवासी गुरमीत सिंह दिल्ली -मेरठ एक्सप्रेस वे पर दिल्ली की तरफ से स्विफ्ट कार से आ रहे थे। शुक्रवार देर रात्रि कार टोल प्लाजा के डिवाइडर से टकराकर पलट गई। राहगीरों ने गुर्घटना की जानकारी 108 एंबुलेंस को दी। परतापुर पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। खून से लथपथ गुरमीत को कार से निकाल कर 108 एंबुलेंस में रवाना किया गया। एंबुलेंस चालक प्रवीण कुमार गुरमीत को मेडिकल कालेज की इमरजेंसी में ले गए, लेकिन स्टाफ ने भर्ती करने से मना कर दिया। प्रवीण ने जिसकी वीडियो भी मोबाइल से बना ली। जिसके उपरांत प्रवीण कुछ नर्सिग होम में गए, लेकिन किसी ने भर्ती नहीं किया, जबकि प्रवीण ने जख्मी होने की बात भी कही। प्रवीण का बोलना है कि तड़के साढ़े 4 बजे सीएमओ और कई डाक्टरों को कॉल की, लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया। तकरीबन ढाई घंटे तक गुरमीत एंबुलेंस में ही लेटे रहे। बाद में यहां पहुंचे स्वजन उन्हें इसी हालत में अपने साथ लेकर चले गए। शर्मनाक: जब जान बचाने वाला ही बन जाए जान का दुश्मन तो मौत होती है बेहतर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बढ़ेगी भारत की ताकत, इंडियन नेवी ने PM मोदी को दिया 6 परमाणु पनडुब्बियों वाला प्लान 'देश को PM आवास नहीं, सांस चाहिए'.., सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को लेकर पीएम पर राहुल का तंज