दिवाली के पांच दिवसीय पर्व की शुरुआत हो चुकी है। प्रत्येक वर्ष धनतेरस से दिवाली की शुरुआत हो जाती है, भाई दूज तक दीपावली का उत्सव चलता है। दिवाली के दिन मां लक्ष्मी, गणेशजी, सरस्वती माता, कुबेर देवता, प्रभु श्री राम, माता सीता तथा हनुमानजी की पूजा की जाती है। ऐसे में यदि आप दिवाली पूजा के लिए गणेश-लक्ष्मी की प्रतिमा खरीदने के शुभ समय को लेकर असमंजस हैं, तो प्रतिमा खरीदने के लिए शुभ मुहूर्त सहित इन बातों का विशेष ध्यान रखें। आइए आपको बताते हैं... कब घर लाएं लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा? दिवाली पूजन के लिए धनतेरस से दीपावली तक गणेश-लक्ष्मी की प्रतिमा खरीद सकते हैं। हालांकि, धनतेरस के दिन गणेश-लक्ष्मी की मूर्ति को घर लाना सबसे शुभ दिन माना गया है। मान्यता है कि ऐसा करने से सालभर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है तथा धन,सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है। गणेश-लक्ष्मी की प्रतिमा खरीदते समय इन बातों का रखें खास ध्यान:-- -देवी लक्ष्मी की मूर्ति का रंग गुलाबी होना चाहिए। सफेद या काले रंग की प्रतिमा न खरीदें। -लक्ष्मी माता कमल पर विराजमान पर हों। उनके एक हाथ में कमल हों और दूसरे हाथ से आशीर्वाद दे रही हों। -गणेशजी की ऐसी प्रतिमा घर लाना चाहिए, जिसमें उनकी सूंड़ बाई ओर मुड़ी हुई हो। शास्त्रों के अनुसार, -गणेशजी की दाईं सूंड़ वाली मूर्ति की पूजा करते समय नियमों का खास ध्यान रखा जाता है, नहीं तो गणेश जी नाराज हो जाते हैं। -ऐसी मूर्ति न खरीदें, जिसमें मां लक्ष्मी एवं गणेशजी एक साथ जुड़े हुए हों। -गणेश-लक्ष्मी की ऐसी मूर्ति घर ना लाएं, जिसका रंग उतरा हो। -प्रतिमा खरीदते समय ध्यान दें कि माता लक्ष्मी और गणेश जी के आंख, नाक और कान सही से बने हों। -गणेश जी की प्रतिमा खरीदते वक़्त इस बात का भी ध्यान रखें की उनके एक हाथ में मोदक हो तथा उनका वाहन मूषक अवश्य मौजूद हो। -मां लक्ष्मी और गणेश जी प्रसन्नता की मुद्रा में दिखाई दिए। मान्यता है कि ऐसी प्रतिमा का पूजन करने से घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। -हिंदू धर्म में टूटी-फूटी और खंडित प्रतिमा का पूजन करना वर्जित माना गया है। इसलिए गणेश-लक्ष्मी की ऐसी प्रतिमा खरीदने से बचें। -मान्यता है कि दिवाली पूजा के लिए गणेश-लक्ष्मी की ऐसी मूर्ति नहीं खरीदना चाहिए, जिसमें वह गणेश जी और माता लक्ष्मी खड़ी हुई मुद्रा में दिखाई दिए। -दिवाली पूजन के लिए सोना, चांदी, पीतल और अष्टधातु की प्रतिमा खरीदना बेहद शुभ माना गया है। 14 या 15... इस बार कब है भाई दूज? जानिए कैसे हुई इसकी शुरुआत नरक चतुर्दशी पर जरूर करें यमसूक्तम् का पाठ, मिलेगा भारी लाभ अपनी बेटी को दें मां लक्ष्मी का ये नाम, यहाँ देंखे लिस्ट