एक अच्छा वक्ता बनने के लिए जरूरी है कि आप एक अच्छा श्रोता होना बेहद जरूरी है.अगर आप एक अच्छे शिक्षक बनना चाहते है तो पहले एक अच्छा छात्र बनना चाहिए. उसी प्रकार एक बेहतर नेता बनने के लिए सबसे पहले एक अच्छा अनुयायी आवश्यक होता है.एक अच्छा व्यक्तित्व का स्वामी वही होता है जो अपना विचार कभी भी लोगों पर नहीं थोपता बल्कि उसके दिमाग में हमेशा यह बात रहनी चाहिए कि उसका काम बाकी लोगों के लिये राह बनना चाहिए ना की गलत पथ बने. एक श्रेष्ठ व्यक्तित्व का स्वामी वही होता है जो अपने कर्मों को करने से पहले विचार करे कि इससे उनके बाद आने वाले लोगो के किस प्रकार विचार का निर्माण होगा. इस संसार में श्रेष्ठता सिद्ध करने वाले व्यक्तित्व कि पहचान दो तरह के लोगो को माना जाता है. पहला वो जो आगे आता है और बाकी लोगों को अपने पीछे चलने को कहता है तथा दूसरा वो जो आगे बढ़कर दरवाजा खोलता है और बाकी लोगों आगे जाने देता है और खुद सबसे अंत में जाता है. कहने को तो इसे मानव का सद-आचरण कहा जाता है पर इससे उसके व्यक्तित्व के बारे में जानकारी मिलती है. एक अच्छे व्यक्तित्व निर्माण के लिए बहुत जरूरी है कि हम यह सीखे की आवश्यकतानुसार मिलजुलकर एक टीम की तरह काम कैसे किया जा सकता है. हमें दया दिखाने की आवश्यकता है ना कि अपने अहंकार को बढ़ावा देने की. रवि पुष्य संयोग - धन-वर्षा के लिए खास होता है रवि पुष्य संयोग रवि पुष्य संयोग - इस संयोग में इन वस्तुओं के दान से मनोकामना होती है पूरी हिन्दू धर्म में क्यों विशेष माना जाता है केसर-तिलक को