Twitter पर टॉप ट्रेंड कर रहा #BoycottQatarAirways, पैगम्बर मोहम्मद से जुड़ा है विवाद

नई दिल्ली: सोशल मीडिया प्लेटफार्म Twitter पर #BoycottQatarAirways तेजी से ट्रेंड कर रहा है। सोशल मीडिया पर लोगों का कहना है कि, क़तर वही देश है, जिसमे मक़बूल फ़िदा हुसैन (MF hussain) को अपने देश की नागरिकता दी थी। वही, एमएफ हुसैन, जिसने हिन्दू देवी-देवताओं की नग्न और अश्लील तस्वीरें बनाई थी और आज वही क़तर, नूपुर शर्मा द्वारा दिए गए एक बयान को लेकर भारत को ईशनिंदा पर नसीहत दे रहा है। 

 

संदीप कुकरेती लिखते हैं कि, 'सऊदी अरब द्वारा आतंकवाद पर पाकिस्तान की फंडिंग पर रोक लगाने के बाद कतर भारत में इस्लामी आतंकवाद का मुख्य प्रायोजक है। कतर और तुर्की दुनिया के नए इस्लामी नेता के रूप में सऊदी अरब की जगह लेना चाहते हैं। भारतीय मुसलमान इस तरह की भारत विरोधी/हिंदू भावना का चुपचाप समर्थन कर रहे हैं।' प्रीती दास लिखती हैं कि, सऊदी अरब और कतर ISIS (आतंकी संगठन) के मुख्य फंडर रहे हैं। कतर ने हिंदू देवताओं का अपमान करने वाले एमएफ हुसैन को दी नागरिकता, इसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए।' 

 

दरअसल, भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा पैगम्बर मोहम्मद को लेकर दिए गए कथित बयान की इस्लामिक देश कतर (Qatar) ने निंदा की है। कतर के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि उसने खास तौर पर भारतीय राजदूत को पैगंबर मुहम्मद पर नूपुर शर्मा द्वारा की गई टिप्पणियों की निंदा करने के लिए तलब किया था। रविवार (5 जून 2022) को जारी एक बयान में मंत्रालय ने कहा कि एक नोट सौंपने के लिए आज कतर में भारतीय राजदूत डॉ दीपक मित्तल को तलब किया गया था। इसमें कतर द्वारा भाजपा नेताओं द्वारा की गई टिप्पणियों की आलोचना की गई थी।

रिपोर्ट के अनुसार, कतर के विदेश राज्य मंत्री सोल्टन बिन साद अल-मुरैखी ने दीपक मित्तल को यह नोट सौंपा है। इसमें कहा गया है कि कतर सरकार भाजपा नेता द्वारा जारी बयान और खुद को विवादित टिप्पणियों से अलग करने व पैगंबर पर टिप्पणी करने वाले नेताओं को निलंबित किए जाने के फैसले का स्वागत करती है। हालाँकि, कतर इससे खुश नहीं है और वो चाहता है कि भारत सरकार इसके लिए सार्वजनिक रूप से माफी माँगे। कतर के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि, 'कतर भारत सरकार से सार्वजनिक माफी और इन टिप्पणियों की फ़ौरन निंदा करने की उम्मीद कर रहा है। इस ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कि इस प्रकार की इस्लामोफोबिक टिप्पणियों को बगैर सजा के जारी रखने की इजाजत देना मानवाधिकारों की सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा है और इससे आगे पूर्वाग्रह हो सकता है। ये हिंसा और नफरत के एक चक्र का निर्माण करेगा।'

 

इतना ही नहीं इस्लामिक देश ने एक प्रकार से धमकी देते हुए कहा है कि, 'इन अपमानजनक टिप्पणियों से धार्मिक घृणा को बढ़ावा मिलेगा और पूरे विश्व के दो अरब से अधिक मुस्लिम इससे खफा होंगे। इससे भारत सहित पूरे विश्व में सभ्यताओं के विकास में इस्लाम की अहम भूमिका की स्पष्ट अज्ञानता का संकेत मिलता है।' वहीं, कतर के विदेश मंत्रालय के इन बयानों के बाद भारतीय दूतावास ने जबाव दिया है। भारतीय राजदूत दीपक मित्तल ने कहा है कि, 'ट्वीट किसी भी प्रकार से भारत सरकार के विचारों को नहीं दर्शाते हैं। ये फ्रिंज एलीमेंट्स के विचार हैं।'

 

दूतावास ने आगे कहा कि, 'हमारी सभ्यता की विरासत और विविधता में एकता की मजबूत सांस्कृतिक परंपराओं के अनुरूप भारत सरकार सभी धर्मों को सर्वोच्च सम्मान देती है।' उन्होंने कहा कि, 'अपमानजनक टिप्पणी करने वालों के विरुद्ध पहले ही कड़ी कार्रवाई की जा चुकी है।' भारतीय दूतावास ने कहा कि निहित स्वार्थ जो भारत-कतर संबंध के विरुद्ध हैं, उन अपमानजनक टिप्पणियों का इस्तेमाल करके लोगों को उकसा रहे हैं।

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