लखनऊ : यूपी में योगी सरकार के आते ही सीएम आवास के पास स्थित बंगला नम्बर 6 फिर चर्चा में आ गया है , क्योंकि यह बंगला राज्य के पशुधन, लघु सिचाई एवं मत्सय विभाग के कैबिनेट मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल को आवंटित किया गया है. इस बंगले को अभिशप्त माना गया है . कहा जाता है कि जो भी यहां रहा वह चैन से नहीं रह सका. हालाँकि मंत्री एसपी सिंह ने कहा कि मैं किसी अंधविश्‍वास को नहीं मानता हूं. मुझे इस बंगले में रहने से कोई परेशानी नहीं है. बता दें कि इसे संयोग कहें या फिर अन्धविश्वास, कालिदास मार्ग स्थित बंगला नंबर 6 में जो भी रहा उसका भला नहीं हुआ. इसलिए इसे अपशकुनी माना गया है. यहां रहने वालों के साथ कुछ ऐसे वाकये हुए कि यहां रहने वालों को मुसीबतों का ही सामना करना पड़ा.पहले यह आवास अधिकारियों का कार्यालय हुआ करता था. मुलायम सरकार के दौरान मुख्य सचिव रहीं नीरा यादव यहीं रहती थीं. यहां रहने के दौरान ही वे नोएडा प्लॉट घोटाले में फंसी और उन्हें जेल भी जाना पड़ा.इसके बाद प्रमुख सचिव सामाजिक कल्याण रहे प्रदीप शुक्ला यहां आए. वे भी एनएचआरएम घोटाले में फंसे. इसके बाद से इस बंगले को मंत्रियों और सरकार में उच्च पदों पर बैठे लोगों को आवंटित किया जाने लगा. 2003 में जब मुलायम सिंह की सरकार बनी तो अमर सिंह को यह बंगला मिला. मुलायम की सत्ता गई तो वे भी पार्टी से बेदखल हो गए. ऐसे ही बसपा सरकार में मंत्री बने बाबूलाल कुशवाहा को यह बंगला आवंटित किया गया. आखिरी साल में उन पर मुसीबतों का पहाड़ टूटा. वे एनएचआरएम घोटाले में फंसे और जेल जाना पड़ा. फिर सपा सरकार में यह बंगला कैबिनेट मंत्री वकार अहमद शाह को आवंटित किया गया. 6 महीने इस बंगले में रहने के बाद वकार बीमार पड़ गए और आज तक कोमा में हैं. बघेल से पहले यह बंगला अखिलेश के करीबी जावेद आब्दी को दिया गया.बंगला मिलते ही आब्दी को यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन पद से हटा दिया गया. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि पशुधन मंत्री बघेल इसमें कैसे रहते हैं. यह भी देखें योगी सरकार ने राम नवमी पर लिए 9 अहम फैसले कर्ज माफ़ी पर बोले अखिलेश - किसानों के साथ धोखा हुआ, कांग्रेस ने कहा ऊंट के मुंह में जीरा