बुरहानपुर से गोपाल देवकर की रिपोर्ट बुरहानपुर। जिले में 28 अप्रेल और 28 मई को केला फसल बर्बाद हुई थी जिसके लिए क्षतिपूर्ति हेतु पूर्व मंत्री अर्चना चिटनीस ने मुआवजा दो गुना करने की मांग मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से की थी जिसके लिए किसानों के दल भी मुख्यमंत्री से मिवाया था जिसके बाद इस क्षति पूर्ति को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह ने दुगुना कर दिया जिस पर पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस ने आभार व्यक्त किया है। बुरहानपुर जिले में भाजपा प्रदेश प्रवक्ता एवं पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस द्वारा केला फसल क्षति हेतु दी जाने वाली राहत राशि तथा उनके निर्धारित मापदण्डों में संशोधन करते हुए आरबीसी 6/4 के प्रावधानों में मुआवजा राशि में दो गुना की वृद्धि किए जाने की मांग को आज 28 जून 2023 को मध्यप्रदेश की कैबिनेट ने निर्णय लेकर मोहर लगा दी है। जिससे क्षेत्र के किसानों ने हर्ष व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान एवं पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस का आभार व्यक्त किया। साथ ही अर्चना चिटनिस ने सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल, भाजपा जिलाध्यक्ष मनोज लधवे, नेपानगर विधायक श्रीमती सुमित्रा कास्डेकर एवं मंडी बोर्ड उपाध्यक्ष मंजू दादू सहित सभी जनप्रतिनिधियों एवं किसानों की ओर से मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, राजस्व मंत्री गोविंदसिंह राजपूत एवं उद्यानिकी-खाद्य प्रसंस्करण मंत्री भारतसिंह कुशवाह तथा मध्यप्रदेश मंत्री परिषद के सदस्यों का धन्यवाद ज्ञापित किया। चिटनिस ने कहा कि शिवराजसिंह चौहान मध्यप्रदेश के संवेदनशील मुख्यमंत्री है, वर्ष 2018 में भी मेरे एवं स्व. नंदकुमारसिंह चौहान के आग्रह पर किसानों को केला फसल क्षति हेतु सहायता राशि में वृद्धि करते हुए 37 हजार से एक लाख रूपए प्रति हेक्टेयर करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया था। ऐसे संवेदनशील मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता और बुरहानपुर किसानों के प्रति उनके विशेष स्नेह के कारण ही आज पुनः किसानों के हित में एक बार बड़ा निर्णय लिया है, चिटनिस ने कहा कि अतिशीघ्र ही उद्यानिकी फसलों के बीमा हेतु कार्यवाही अंतिम चरणों में है। उन्होंने बताया कि केला फसल क्षति हेतु 25 से 33 प्रतिशत फसल क्षति होने पर दी जाने वाली अनुदान सहायता राशि 30 हजार रूपए प्रति हेक्टेयर, 33 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक 54 हजार रूपए प्रति हेक्टेयर एवं 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर दी जाने वाली अनुदान सहायता राशि 2 लाख रूपए प्रति हेक्टेयर करने का मध्यप्रदेश की कैबिनेट ने निर्णय लिया है। 4 जुलाई से 11 सितंबर तक भक्तों का गर्भगृह में प्रवेश रहेगा प्रतिबंधित 10 जुलाई को निकलेगी भगवान महाकालेश्वर की प्रथम सवारी, नागपंचमी पर रहेगी विशेष दर्शन व्यवस्था चलती ट्रैन में चढ़ने के दौरान पैर फिसलने से प्लेटफॉर्म और बोगी के बिच फंसा यात्री, मौके पर मौत