देश की नियंत्रक-महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में एक चौकाने वाला खुलासा सामने आया हैं. जिसमे बताया गया है कि पिछले 6 वर्षों के शैक्षणिक सत्र 2010 से 2016 के मध्य राज्य में 14 लाख 34 हजार बच्चों ने बीच में ही अपनी पढ़ाई छोड़ दी. इस वजह से मध्य प्रदेश का औसत बाकी राज्यों के मुकाबले काफी गर्त में चला गया है. जबकि हमारे पड़ोसी राज्य गुजरात और छत्तीसगढ़ की स्थिति हमसे बेहतर है. उक्त रिपोर्ट कल गुरुवार को विधानसभा (विस) में प्रस्तुत की गई थी. प्रधान महा लेखाकार सामान्य एवं सामाजिक क्षेत्र लेखा परीक्षा मप्र पराग प्रकाश ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि 10 लाख 25 हजार बच्चों ने पांचवीं और चार लाख नौ हजार बच्चों ने सातवीं के बाद स्कूल छोड़ दिया. सत्र 2013 से 2016 के बीच स्कूलों में बच्चों के दाखिले में सात से दस लाख की गिरावट देखने को मिली है. उन्होंने आगे बताया कि नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 (आरटीई) कानून लागू होने के छह साल बाद राज्य में प्रारंभिक शिक्षा का उद्देश्य पूरा नहीं हुआ है. शैक्षणिक सत्र 2015-16 में वीईआर ने 130.80 लाख और यू-डाइस ने 134.77 लाख बच्चों का प्रवेश बताया. ये भी पढ़ें- रिजल्ट में बड़ी लापरवाही, छात्रों ने घेरा परीक्षा नियंत्रक को UKSSSC में निकली 190 से अधिक पदों पर भर्ती, जल्द करें आवेदन UGC ने फिर चेताया, 'डीम्ड यूनिवर्सिटीज' के पास आज आखिरी मौका जॉब और करियर से जुडी हर ख़बर न्यूज़ ट्रैक पर सिर्फ एक क्लिक में, पढिये कैसे करे जॉब पाने के लिए तैयारी और बहुत कुछ