कैग बनाम कांग्रेस बनाम बीजेपी बनाम जनता ?

अफसरों के भरोसे रहने वाली सरकारों के साथ यही होना होता है  पिछले कुछ वर्षों से ये एक रिवाज सा बन गया है।कि कैग को रिपोर्ट पटल पर रखनी ही होती है और सरकार भी अपनी मनमानी पर उतारू होती है।और विपक्ष को भी विरोध की रस्म अदायगी भर करनी होती है परन्तु अब  सरकार उस विपक्ष की है जो पानी पी पी कर सरकार को कोसता था

अब कहाँ गए वो गला फाड़ कर चिल्लाने वाले जनता के पैसे के चौकीदार? क्या सत्ता ने उनका भी ईमान बदल दिया? या सत्ता में आते ही ईमान नापने के पैमाने बदल गए? कांग्रेस के दोहरे चरित्र और चेहरे की दुहाई देने वाले क्या अपने चरित्र का विश्लेषण करेंगे?

सरकार के अधिकारियों पर आरोप लगाया है कैग ने ! अगर सरकार इन निकम्मे अफसरों का बचाव करती है।या इसे अन्यथा लेती है तो सरकार को कटहरे में कैग ने ठीक ही खड़ा किया है सरकार को उन सभी भृष्ट और लापरवाह

अफसरों पर त्वरित सख्त कार्यवाही करके अपनी साख बचानी चाहिए।क्योंकि कैग के कटहरे में सरकार को उसके अफसरों की वजह से खड़ा होना पड़ा। जो अफसरो की अकर्मणता और गैरजिम्मेदारी का सबूत है।

और पढ़े-

सरकार बनने पर छोटे दलों को भी मिलेगी भागीदारी

शरद पवार नहीं चाहते BMC में बने बीजेपी का मेयर

300 सीट जीतने का दावा करने वाले बनाएगें गठबंधन की सरकार

 

 

Related News