बड़े शहरों में कंज्यूमर्स को लगातार स्लो डेटा स्पीड और कॉल ड्राप की समस्या का सामना करना पड़ रहा है. टेलिकॉम कंपनियों के नेटवर्क 85-90 पर्सेंट की क्षमता पर काम कर रहे हैं. ये कंपनियां सस्ते टैरिफ से डेटा खपत की बढ़ी मांग को पूरा करने के लिए जूझ रही हैं. पिछले एक साल में औसत डेटा खपत 2.5 जीबी प्रति यूजर से बढ़कर 9.5 जीबी प्रति यूजर पहुंच गई है. वहीं औसत वॉइस खपत पिछले साल के 400 मिनट प्रति यूजर से बढ़कर 820 मिनट प्रति यूजर हो गई है. कॉल ड्रॉप की समस्या लगातार सस्ते प्लान की वजह से बढ़ रही है. Apple iPhone ने अपकमिंग लेटेस्ट स्मार्टफ़ोन में किया बदलाव, ये होगी खासियत कंपनियां और नेटवर्क इक्विपमेंट वेंडर्स ने मोबाइल फोन शहरी इलाकों में खासतौर से मांग और आपूर्ति के बीच आई इस कमी को स्वीकार किया है. हालांकि उन्होंने इसके पीछे जरूरत के मुताबिक टेलिकॉम टावर नहीं लगा पाने की अपनी असमर्थता को दोषी ठहराया. उन्होंने कहा कि क्वॉलिटी सुधारने के लिए टेलिकॉम कंपनियां सर्विस टेक्नॉलजी का इस्तेमाल कर रही हैं. Realme 3 Pro बहुत चीपेस्ट प्राइस पर है उपलब्ध, ये है अन्य ऑफर सीओएआई के डायरेक्टर-जनरल राजन मैथ्यूज इंडस्ट्री बॉडी के बारे मे बताया कि इंडस्ट्री जिस सबसे बड़ी मुश्किल का सामना कर रही है, वह नए सेल साइट्स को इंस्टॉल करने के लिए मिलने वाली राइट ऑफ वे (आरओडब्लू) से जुड़ी है. उन्होंने कहा, 'सभी टेलिकॉम कंपनियां कुछ जगहों पर इसका सामना कर रही है. हमारी नेटवर्क कपैसिटी कम हो रही है.'ओकला के को-फाउंडर और जनरल मैनेजर डग सटल्स ने बताया कि पिछले एक साल में औसत 4जी स्पीड में भारत के सभी इलाकों की मामूली सुधार आया है. आने वाले समय मे यूजर को इस समस्या से निजात मिल सकती है. हुवई पी 30 में होंगे तीन कैमरें, ऐमज़ॉन पर होगा बिक्री के लिए उपलब्ध Infinix Smart 3 Plus का फर्स्ट लुक आया सामने, तीन कैमरें से है लैस USSD Code का कैसे करते है इस्तेमाल, पूरा पढ़ें