लखनऊ: देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के लखनऊ में सकारात्मक मिलने वाले मरीजों को कोविड हॉस्पिटल पहुंचाने के लिए बनी प्लानिंग कागजी सिद्ध हो रही हैं. साथ ही इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम में बार-बार फ़ोन करने के पश्चात् भी कोरोना संक्रमितों को कोविड हॉस्पिटल नहीं पहुंचाया जा रहा है. कुछ ऐसी ही परिस्थिति संक्रमित निकलने वाले मरीजों के परिजनों के टेस्ट के सिलसिले में भी हो रहा है. वही 30 जुलाई को विवेकानंद पॉलीक्लीनिक में पथरी का दर्द होने पर महिला एडमिट हुई थी. 1 अगस्त को COVID-19 की रिपोर्ट सकारात्मक आने के पश्चात् हॉस्पिटल प्रशासन ने हेल्थ डिपार्टमेंट को सूचना भेजी है. महिला को शुगर, ब्लड प्रेशर और फाइलेरिया, मोटापे की भी परेशानी है. कंट्रोल रूम में प्रतिदिन कॉल करके भी जानकारी दी जा रही है. केवल इतना ही नहीं तीमारदारों ने हेल्थ डिपार्टमेंट के अफसरों को भी सूचना दी. इसके पश्चात् भी मंगलवार शाम तक महिला को एडमिट नहीं कराया गया. साथ ही इसी प्रकार सेक्टर 16 इंदिरानगर रहवासी परिवार में दो लोगों की रिपोर्ट सकारात्मक आई. वे होम क्वारंटीन हैं, किन्तु कंट्रोल रूम में एक बार भी कॉल कर स्वास्थ्य का हालचाल नहीं लिया गया. फैमिली के अन्य सदस्यों के टेस्ट कराने की भी मांग की गई, किन्तु बुधवार तक कुछ न हो सका. वही संक्रमित मरीज बढ़ गए हैं. कई बार लेवल टू व थ्री के हॉस्पिटल में बेड रिक्त होने की प्रतीक्षा की जाती है. दिखवाया जाएगा कि इस केस में कहां मिस्टेक हो रही है. वही अब पुरे मामले पर जांच की जा रही है. श्री गणेश को क्यों लगाया गया हाथी का सिर ? बीते 24 में घंटो में कोरोना के 200 से अधिक मरीज आए सामने यूपी: सिर पर गोली मारकर किसान की निर्मम हत्या