कंबोडियाई प्रधान मंत्री हुन सेन ने वैक्सीन परीक्षण पर चीन पर हमला किया। पीएम ने कहा कि टीका परीक्षण के संदर्भ में देश बीजिंग के लिए एक डंपिंग ग्राउंड नहीं है "यह कहते हुए कि कोविड-19 टीकों का पहला बैच संयुक्त राष्ट्र समर्थित को-वैक्सीन से आएगा। रिपोर्ट के अनुसार, 15 दिसंबर को मैराथन भाषण के दौरान हुन सेन ने चीन को कुंद शब्दों में लताड़ा। उन्होंने कहा- "कंबोडिया एक डस्टबिन नहीं है और न ही एक टीका परीक्षण के लिए जगह है।" उन्होंने कहा कि वह केवल विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा अनुमोदित टीकों पर भरोसा करेंगे और स्वीकार करेंगे। रिपोर्ट के अनुसार कंबोडिया की सरकार ने अब तक 48 मिलियन अमेरिकी डॉलर दान में एकत्र किए हैं, जिनमें से ज्यादातर हुन सेन की सत्तारूढ़ कंबोडियन पीपुल्स पार्टी (सीपीपी) से संबद्ध धनाढ्य टाइकून हैं, जो कि टीका खरीदने के लिए आवश्यक 200 मिलियन अमेरिकी डॉलर की ओर जाएंगे। चीन के सिनोवैक टीकों का पहला बैच पहले ही इंडोनेशिया पहुंचाया जा चुका है। हालांकि, इस पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है कि बीजिंग अपने तथाकथित "आयरनक्लाड मित्र" कंबोडिया को खुराक देगा या नहीं। यह अगस्त में चीनी प्रीमियर ली केकियांग के वचन के बावजूद है कि मुख्य भूमि दक्षिण पूर्व एशियाई राज्यों को टीकाकरण प्रक्रिया में प्राथमिकता दी जाएगी। जानिए क्यों राम प्रसाद बिस्मिल और अशफाक उल्ला खां को दी गई थी फांसी देश में 1 करोड़ के पार पहुंचे कोरोना केस, 3 लाख से अधिक सक्रीय मामले स्टार एमडी ने कहा- भारतीय मीडिया उद्योग 10 साल में USD100 bn तक बढ़ सकता है