गृह मंत्रालय ने सभी राज्य सचिवों को सेना, नौसेना या वायुसेना की वर्दी या इसी तरह की पोशाक अनधिकृत तरीके से पहनने वाले व्यक्तियों के बारे में निर्देश जारी किए हैं। भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 140 और 171 के तहत ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। गृह मंत्रालय ने राज्यों के सचिवों को निर्देश दिया है कि वे सुनिश्चित करें कि राज्य पुलिस सैन्य पोशाक पहनने के पीछे की मंशा का पता लगाए। यह निर्धारित करना महत्वपूर्ण है कि पोशाक देशभक्ति के कारण पहनी गई है या धोखा देने के इरादे से। आईपीसी की धारा 140 के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति खुद को सशस्त्र बलों का हिस्सा बताता है और सेना, नौसेना या वायु सेना से मिलते-जुलते कपड़े पहनता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री, अधिकारियों और सैनिकों के अलावा किसी और को सेना की पोशाक पहनने की अनुमति नहीं है। फिल्म निर्माताओं को फिल्मों में सेना की इकाइयों और उनकी वेशभूषा को दर्शाने से पहले रक्षा मंत्रालय और संबंधित प्राधिकारियों से सहमति लेनी होगी। जब आम नागरिक सेना की पोशाक पहनते हैं, तो उस पर सेना का कोई चिह्न या सितारे नहीं होते। खुद को सैनिक के रूप में दिखाने के लिए ऐसे चिह्नों और सितारों का इस्तेमाल करना कानूनी परिणामों को जन्म दे सकता है। अब सवाल यह उठता है कि क्या कोई भी व्यक्ति सेना की पोशाक खरीद सकता है। सूत्रों के अनुसार, हर दुकानदार सेना की पोशाक नहीं बेच सकता, इसके लिए उसे एक खास लाइसेंस की जरूरत होती है। समाज में एक आम आदमी सेना की पोशाक जैसी पोशाक आसानी से नहीं खरीद सकता। हालांकि, देशभक्ति दिखाने या किसी कार्यक्रम में जाने के लिए सेना जैसी पोशाक पहनने की अनुमति है, बशर्ते उसमें सेना के जवानों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले कोड, सितारे या प्रतीक न हों। इस महीने टाटा नेक्सॉन खरीदने का शानदार मौका, मिलेगा 1 लाख रुपये का डिस्काउंट महिंद्रा स्कॉर्पियो एन Z8 सेलेक्ट ऑटोमैटिक का रिव्यू पढ़ें, कीमत पर बेस्ट डील! देखें विनफास्ट वीएफ ई34 की पहली झलक, जानिए भारतीय बाजार में कब देगी दस्तक?