कोरोना संकट क़े बीच ICMR के वैज्ञानिक कोरोना के डेल्टा वैरिएंट के नए म्यूटेशन डेल्टा प्लस वैरिएंट के बारे में और अधिक खबर जुटा रहे हैं। एनआईवी पुणे में आईसीएमआर यह जानकारी जानने का प्रयास कर रहा है कि क्या भारत बायोटेक की कोवैक्सीन नए स्ट्रेन को न्यूट्रलाइज कर सकती है या नहीं। सूत्रों ने इस बात की तरफ संकेत किया है कि कोरोना से स्वस्थ हो चुके रोगियों के सीरम सैम्पल लिए गए हैं जिनका उपयोग यह जांचने के लिए भी होगा कि नए वैरिएंट को न्यूट्रलाइज करने में एंटीबॉडीज कितनी असरदायी हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रतिनिधि का कहना है कि वैक्सीन डेल्टा वैरिएंट के विरुद्ध कार्य करती है। स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि भारत में कोविशील्ड तथा कोवैक्सीन डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ असरदायी हैं। उन्होंने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के चलते बताया कि डेल्टा संक्रमण पर भिन्न-भिन्न वैक्सीनों का क्या असर है इसके बारे में खबर उपलब्ध है तथा इसे जल्द शेयर किया जाएगा। वहीं, स्वास्थ्य विशेषज्ञों तथा वायरोलॉजिस्ट ने इस बात की तरफ संकेत किया है कि डेल्टा प्लस वैरिएंट वैक्सीन और इन्फेक्शन इम्यूनिटी दोनों को चकमा दे सकता है एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोरोना के खिलाफ उपचार के लिए इस्तेमाल किए जा रहे मोनोक्लोनल एंटीबॉडी ट्रीटमेंट डेल्टा प्लस वैरिएंट के खिलाफ हो सकता है कि काम ना करे। मैक्स हेल्थकेयर के इंटर्नल मेडिसिन के निदेशक रोमेल टिक्कू ने बताया कि जो आंकड़े उपस्थित हैं वो देखकर यही लगता है कि मोनोक्लोनल एंटीबॉडी ट्रीटमेंट डेल्टा प्लस वैरिएंट के खिलाफ प्रभावी नहीं होगा। हालांकि, हमें इस दावे को और मजबूत करने के लिए और आंकड़ों की आवश्यकता है। बंगाल में 'आफत' की बारिश, घरों में घुसा पानी, नाव लेकर सड़कों पर निकले लोग ट्रस्ट इन न्यूज: मीडिया रिपोर्ट में भारत अमेरिका से निकला आगे 'मेरी तरफ से उसकी पिटाई करो, दो थप्पड़ भी लगाओ..', मेनका गांधी ने इंस्पेक्टर को किया फ़ोन