14 अक्टूबर को कनाडा की पुलिस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत पर गंभीर आरोप लगाए, जिसमें कहा गया कि भारत कनाडा में आपराधिक गतिविधियों में सम्मिलित है, जिसमें खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या भी सम्मिलित है। रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) के बयान में कहा गया कि सार्वजनिक सुरक्षा को खतरे के कारण उन्होंने इस मामले की जानकारी सार्वजनिक करने का फैसला लिया। एजेंसी ने स्पष्ट किया कि भारत का निशाना पूरे सिख समुदाय पर नहीं, बल्कि केवल खालिस्तानी समर्थकों पर है। यह स्पष्ट हो गया है कि कनाडा खालिस्तान समर्थकों के लिए एक सुरक्षित ठिकाना बन गया है। RCMP ने कहा कि उन्हें दक्षिण एशियाई समुदाय, विशेष रूप से खालिस्तानी समर्थकों से जुड़ी कई हिंसक धमकियों का पता चला है। इनमें हत्या एवं वसूली जैसी गतिविधियाँ सम्मिलित हैं। RCMP ने फरवरी 2024 में भारतीय सरकार के एजेंटों द्वारा कनाडा में चल रही आपराधिक गतिविधियों की जांच के लिए एक विशेष टीम का गठन किया था। रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस का दावा है कि भारतीय सरकार के एजेंट इन गतिविधियों को कनाडा में अंजाम दे रहे हैं तथा इसके लिए अपराधियों की मदद ले रहे हैं, जिनमें लॉरेंस बिश्नोई गैंग का नाम प्रमुखता से लिया गया है। दिलचस्प बात यह है कि RCMP ने लॉरेंस बिश्नोई गैंग को इन आपराधिक गतिविधियों का मुख्य दोषी बताया तथा कहा कि भारतीय सरकार बिश्नोई के सहयोगियों का उपयोग खालिस्तानी आतंकवादियों को निशाना बनाने के लिए कर रही है। RCMP के सहायक आयुक्त ब्रिजिट गॉविन ने कहा, “भारत दक्षिण एशियाई समुदाय को निशाना बना रहा है, विशेष रूप से खालिस्तानी तत्वों को। हम देख रहे हैं कि ये (भारत) अपराधियों के गिरोह से जुड़े लोगों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो विशेष रूप से बिश्नोई समूह के साथ जुड़े हैं।” इस बीच, वाशिंगटन पोस्ट ने भारतीय गृह मंत्री अमित शाह पर कनाडा में आपराधिक गतिविधियों में सम्मिलित होने का आरोप लगाया है। रिपोर्ट के अनुसार, कनाडाई अफसरों ने आरोप लगाया है कि भारत सरकार के वरिष्ठ अफसरों ने खालिस्तानी आतंकवादियों के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा दिया है, जिसमें हरदीप सिंह निज्जर की हत्या भी सम्मिलित है। इन आरोपों के पीछे इंटरसेप्टेड संचार और नई खुफिया जानकारी का दावा किया गया है। कनाडाई सरकार ने इन आरोपों के जवाब में छह भारतीय राजनयिकों की पहचान की, जो खालिस्तानी आतंकवादियों पर जानकारी इकट्ठा करने में संलिप्त थे। इन राजनयिकों को कनाडा छोड़ने का आदेश दिया गया है, जिसमें कनाडा में भारतीय उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा भी सम्मिलित हैं। इसके जवाब में भारत ने भी छह कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित कर दिया है। कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने भी भारत पर आरोप लगाया है कि उनके पास इस बात के विश्वसनीय सबूत हैं कि भारतीय सरकार कनाडा में आपराधिक गतिविधियों में सम्मिलित है। भारत ने इन आरोपों का खंडन करते हुए इसे ट्रूडो सरकार का राजनीतिक एजेंडा बताया है। RCMP की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भारतीय राजनयिकों का आपराधिक गतिविधियों से गहरा संबंध है, जिसमें घर में घुसपैठ, गोलीबारी एवं हत्या सम्मिलित हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि भारतीय राजनयिकों द्वारा इकट्ठी की गई जानकारी भारत के रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) को भेजी गई, जिसने अलगाववादी व्यक्तियों पर हमलों के लिए आपराधिक सिंडिकेट्स का इस्तेमाल किया। ग्वालियर में सरेआम मां-बेटी को उतारा मौत के घाट, इलाके में मची सनसनी बहराइच हिंसा पर मायावती ने दी प्रतिक्रिया, जानिए क्या कहा ? रेलवे ट्रैक पर मिला हाई टेंशन तार, उत्तराखंड में बड़ा ट्रेन हादसा टला