नई दिल्ली: 30 मार्च को दिल्ली में एक हृदयविदारक घटना हुई, जहाँ एक कैंसर पीड़ित की मौत हो गई, क्योंकि उसे किसी भी अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया। मृतक, पुनीत शर्मा, उत्तराखंड के काशीपुर के रहने वाले थे और उन्हें जीभ के कैंसर का पता चला था। उनकी पत्नी, सपना शर्मा, उन्हें इलाज के लिए दिल्ली लेकर आई थीं। 15 दिनों तक, सपना अपने पति को लेकर दिल्ली के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में भटकती रहीं, लेकिन उन्हें कहीं भी भर्ती नहीं किया गया। दिल्ली राज्य कैंसर संस्थान (DSCI) ने उन्हें AIIMS या जीबी पंत अस्पताल में रेफर कर दिया, लेकिन वहां भी उन्हें बेड और वेंटिलेटर नहीं मिला। सफदरजंग अस्पताल ने भी उन्हें भर्ती करने से इनकार कर दिया। थक हारकर, सपना ने पुलिस कंट्रोल रूम (PCR) में फोन कर मदद मांगी। पीसीआर के हस्तक्षेप के बावजूद, जीबी पंत अस्पताल ने पुनीत को भर्ती करने से इनकार कर दिया। लगभग 9 घंटे तक अस्पतालों में भटकने के बाद, पुनीत की तबीयत बिगड़ती गई और उन्हें वापस DSCI ले जाया गया। 30 मार्च की सुबह 5 बजे, उनका निधन हो गया। सपना का कहना है कि यह एक संस्थागत मौत है और उनके परिवार के साथ अन्याय हुआ है। अपनी बचत खत्म होने और कोई मदद न मिलने के कारण, उन्हें चिंता है कि अब वह अपने परिवार की देखभाल कैसे करेंगी। आज ही औरंगज़ेब ने भारत में लागू किया था जजिया, गैर मुस्लिमों को अपना धर्म मानने और जिन्दा रहने के लिए देना पड़ता था टैक्स ! क्या पूरा बंगाल 'संदेशखाली' बन चुका है ? पीड़ित महिला का दावा- शेख हसन ने मेरा मंदिर तोड़ा, पुलिस ने मुझे ही गिरफ्तार कर पीटा सुप्रीम कोर्ट में बाबा रामदेव को बिना शर्त क्यों मांगनी पड़ी माफ़ी ?