कैंडल के धुएं से हो सकता है किडनी ट्यूमर और कैंसर का खतरा

क्या आप जानते हैं कि कैंडल्स की खुशबू में मौजूद केमिकल सांसों के द्वारा शरीर के अंदर जाकर सिगरेट की तुलना में अधिक हानिकारक होते है.

आइए कैंडल के खतरनाक स्वास्थ्य प्रभावों के बारे में जानें.

1-कैंडल्स की पैराफिन वैक्स में कम से कम 20 विषाक्त पदार्थों शामिल होते है. उनमें से, सबसे ज्यादा टॉक्सिक एसीटोन, फिनोल, जाइलिन, क्रेसोल और ब्लोरोबेंजीन है. यह कैंसर, लंग में जलन और ब्रेन सहित शरीर के अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है.

कैंडल्स में मौजूद सिंथेटिक सुगंध श्वसन तंत्र में जलन का कारण बन, श्वसन स्राव को बढ़ा सकती है. यह ज्यादातर लोगों में एलर्जी प्रतिक्रियाओं का कारण बनता है. यह कैंडल के हानिकारक प्रभावों में से एक है.

2-कैंडल्स में इस्तेमाल होने वाला पैराफिन नामक वैक्स अस्थमा को बढ़ाने और कई सांस की समस्याओं का कारण बन सकता है. कैंडल्स के जलने पर वैक्स की एक अजीब गंध निकलती हैं, जो फेफड़ों में जलन और सांसों संबंधी समस्याओं का कारण बन सकती है.

3-खुशबू वाली कैंडल का एक अन्य हानिकारक प्रभाव सिरदर्द भी है. कैंडल के धुएं के अंदर जाने से अधिकांश लोगों को सिर में दर्द होने लगता है. ऐसा कैंडल में मौजूद हानिकारक केमिकल बेंजीन और टोल्यूनि के कारण होता है.

4-कैंडल जलाने पर ऑयल से निकलने वाला धुआं, किडनी में ट्यूमर का कारण बन सकता है. इसलिए कई स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं कि कैंडल के धुएं के जोखिम से बचने के लिए हमें इनका इस्तेमाल केवल जरूरत पड़ने पर ही करना चाहिए. इसके अलावा कैंडल से पिघलते पैराफीन से हवा में कैंसर जनित धुएं (बेंजीन और टोल्यूनि) की विज्ञप्ति होती है.

योग से पाए दमकती त्वचा

Related News