पूंजीगत सामान नीति को मिली मंजूरी

नई दिल्ली : सरकार ने देश के पूंजीगत सामान क्षेत्र के लिये अपनी तरह की पहली नीति को बुधवार मंजूरी दे दी.इस योजना का उद्देश्य विश्वस्तरीय विनिर्माण केंद्र बनाना और 2025 तक 2.10 करोड़ अतिरिक्त अवसर सृजित करना है. बुधवार को केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस नई नीति को मंजूरी दी गई. इस नई नीति से भारत को पूंजीगत सामान के लिए विश्व स्तरीय केंद्र बनाने के दृष्टिकोण को अमलीजामा पहनाने में मदद मिलेगी.

पूंजीगत सामान क्षेत्र के लिए यह अपनी तरह की पहली नीति है.इसका उद्देश्य पूंजीगत सामान के उत्पादन को 2025 में बढाकर 7 लाख 50 हजार करोड़ रु. करना है.2014-15 में यह 2 लाख 30 हजार करोड़ रु. था.इस क्षेत्र में प्रत्यक्ष- अप्रत्यक्ष रोजगार को 84 लाख से बढाकर 3 करोड़ किया जाना है.वहीं पूंजीगत सामान के मौजूदा हिस्से 12 फीसद को बढाकर 2025 तक 20 फीसद तक करना है.

केन्द्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने जानकारी देते हुए बताया कि देश में विनिर्माण गतिविधियों के साथ पूंजीगत सामान विनिर्माण हुआ तो पूरी अर्थ व्यवस्था को प्रोत्साहन मिलेगा.इस नीति का मकसद प्रत्यक्ष मौजूदा रोजगार 14 लाख को बढाकर 50 लाख करना और अप्रत्यक्ष रोजगारों की संख्या को 70 लाख से बढ़ाकर 2.5 करोड़ करना है.इससे करीब 2.1 करोड़ लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा.

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