चंडीगढ़: हरियाणा के आबकारी एवं कराधान मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने जीएसटी को लेकर दिल्ली में हुई बैठक में कृषि, कृषि उत्पादों और इस काम से जुडे मजदूरों को जीएसटी से बाहर रखने व ईंट भट्टा और प्लाईवुड उद्योग को कंपोजिसन स्कीम में रखने की जोरदार वकालत की जिस पर बैठक में आम सहमति बन गई. वित्त मंत्री ने किसानों के हितों को सुरक्षित रखने के प्रयास के मद्देनजर बैठक में मांग कि कि किसान अपने खेतों में जो पेड लगाते हैं उनकी बिक्री को भी जीएसटी से बाहर रखा जाए. बैठक में उनकी इस मांग पर भी सहमति बन गई. कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी व वित्त मंत्री श्री अरूण जेटली के नेतृत्व में देश में आर्थिक सुधारों का एक क्रांतिकारी अभियान शुरू हुआ है. देश में एक समान कर प्रणाली, राज्यों व केंद्र के बीच कर व्यवस्था के सरलीकरण की दिशा में जीएसटी एक क्रांतिकारी पहल है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय लगातार राज्यों के वित्त मंत्रालयों से बैठके करके जीएसटी को लेकर सुझाव ले रहा है ताकि इसे लागु करने में परेशानी नहीं आए. हरियाणा सरकार 1 अप्रैल 2017 से इसे लागु करने को लेकर प्रतिबद्ध है. जीएसटी के लागु होने से जहा आम आदमी को लाभ होगा वहीं सरकारों की आय भी बढेगी जिससे ज्यादा विकास कार्य संभव होंगे. उन्होंने कहा कि आज कि बैठक में उन्होंने किसानों की हितों की जोरदार पैरवी कि जिसका असर यह हुआ कि उनके द्वारा रखे गए सुझावों पर बैठक में सहमति बन गई. आबकारी एवं कराधान मंत्री ने कहा कि जहां भविष्य में जीएसटी जैसा एतिहासिक कदम लागू होगा वहीं 8 नवंबर मध्यरात्रि से 500 व 1000 रुपए की पुरानी करंसी के बंद होने से कालेधन, भ्रष्टाचार व नकली मुद्रा के परिचालन पर रोक लगी है. जिससे भारत न केवल आर्थिक बल्कि सामरिक दृष्टि से भी मजबूत होगा. नोटबंदी के उपरांत बैंकों के अधिकारियों व कर्मचारियों ने अभूतपूर्व व अद्वितीय कार्य किया है. इतना ही नहीं देश के नागरिकों ने सैनिक बनकर समस्याओं को स्वीकार करते हुए सरकार के निर्णय का समर्थन किया है. SYL मामले में कोर्ट पहुंची खट्टर सरकार