इंडियन जूनियर हॉकी टीम के कप्तान उत्तम सिंह ने विपरीत परिस्थितियों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी किया है। उन्होंने वर्षों की उपेक्षा तथा गरीबी को झेलने के बावजूद उम्मीद नहीं छोड़ी और अंत में चमके तथा अपने माता-पिता के चेहरे पर मुस्कान लाए। एक साधारण परिवार में जन्मे उत्तम यूपी के करमपुर जिले में पले-बढ़े और फिर खेल के प्रति अपने जुनून को आगे बढ़ाने के लिए लुधियाना हॉकी अकादमी पहुंच गए । उत्तम ने हॉकी इंडिया की पॉडकास्ट सीरीज 'हॉकी ते चर्चा' में बोला है कि, ‘‘मेरा परिवार 2019 तक मिट्टी से बने घर में रहा करता था, हम एक बहुत ही सामान्य जीवन जीते थे और जब मैं छात्रावास गया तब मुझे अपने छात्रावास के कमरे में पंखा और कूलर रखने का अवसर प्रदान किया।'' जूनियर एशिया कप विजेता भारतीय टीम के कप्तान ने बोला है, ‘‘मेरे माता-पिता ऐसी किसी सुविधा के बिना सोते थे और यह मुझे अच्छा नहीं लगता था। मैं चाहता था कि मेरे माता-पिता को भी सबसे अच्छी सुविधाएं मिले और मुझे पता था कि हॉकी में करियर मेरी किस्मत भी बदल सकती है।'' इस बारें में उन्होंने बोला है कि, ‘‘ एक समय मुझे लगा कि जैसे मैंने हॉकी से जुड़े रहने का गलत निर्णय कर लिया है किया क्योंकि एक दशक तक हॉकी खेलने के उपरांत भी मुझे जूनियर टीम में नहीं चुना गया।'' उत्तम ने इस बारें में आगे बोला है कि, ‘‘लेकिन मैं अपने माता-पिता की खातिर कभी निराश नहीं हुआ, मुझे बस इतना करना था कि अगले राष्ट्रीय खेलों में बेहतर प्रदर्शन करना था।'' उत्तम ने आखिरकार हॉकी इंडिया राष्ट्रीय चैंपियनशिप में एयर इंडिया के लिए अपने प्रदर्शन के दम पर 2019 में इंडियन जूनियर पुरुष टीम में प्रवेश किया और तब से उनकी अगुआई में टीम सुल्तान ऑफ जोहोर कप और हाल ही में जूनियर पुरुष एशिया कप में शीर्ष पर बनी हुई है। एशिया कप मिशन पूरा होने के बाद उत्तम की नजरें अब पांच से 16 दिसंबर तक कुआलालंपुर में होने वाले जूनियर वर्ल्ड कप पर टिकी हैं। उत्तम ने बोला है कि, ‘‘हमारे कोच का बोलना है कि वह चाहते हैं कि जीत हमारी आदत बन जाए, सुल्तान ऑफ जोहोर कप और जूनियर एशिया कप की जीत के बाद भी हमारा अच्छा प्रदर्शन जारी रहे, हमारा पूरा ध्यान अब जूनियर विश्व कप पर है।'' उन्होंने यह भी बोला है कि ‘‘जूनियर विश्व कप में जीतने की हमारी उम्मीदें वास्तविक हैं, यह हमारे पिछले प्रदर्शनों पर आधारित हैं। हम सीनियर पुरुष हॉकी टीम के साथ भी नियमित रूप से खेलते हैं और मैच अक्सर करीबी होते हैं इसलिए हम जानते हैं कि क्षमता है। हमें खुद को निखारने और उम्मीदों पर खरा उतरने की जरूरत है।'' WTC की हार के बाद विंडीज़ के दौरे पर जाएगी टीम इंडिया, इन युवा खिलाड़ियों को मिल सकता है मौका भारतीय फुटबॉल में रोमेलू लुकाकू की रही है महत्वपूर्ण भूमिका 16 साल के कोरोउ सिंह को भारतीय टीम ने चुना कप्तान