यदि आप मौजूदा वक़्त में इंसानों के लिए सबसे गंभीर खतरे के बारे में पूछें, तो ज्यादातर लोगों का उत्तर 'आतंकवाद' होने वाला है। बेशक, विश्वभर में बढ़ती हिंसक गतिविधियों के साथ, आतंकवाद एक गंभीर मुद्दा है, जिसका सामना दुनिया लम्बे वक़्त से करती आ रही है। फिर भी, यदि आप मृत्यु दर और उनके वजहों की रिपोर्ट देखें, तो आपको एक पूरी तरह से अलग तस्वीर मिलने वाली है, और आप निश्चित तौर पर गहन सोच में पड़ जाएँगे। एक सर्वे के आँकड़ों के मुताबिक साल 2019 में 32.84% मौतें हृदय या कार्डियोवैस्कुलर रोगों की वजह से हुईं, जबकि आतंकवाद महज़ 0.05% मौतों के लिए जिम्मेदार कहा था। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइज़ेशन के अनुसार, कार्डियोवैस्कुलर रोग (सीवीडी) विश्व स्तर पर मृत्यु की अहम वजह है। साल 2019 में सीवीडी से अनुमानित 17.9 मिलियन लोग मौत के घाट उतर गए, जो सभी वैश्विक मौतों का 32% है। इनमें से 85 प्रतिशत मौतें हार्ट अटैक और स्ट्रोक की वजह से हुई है। कार्डियोवैस्कुलर रोगों में हृदय और रक्त वाहिका विकार (ब्लड वेसल डिसऑर्डर्स) शामिल हैं, इनमे कोरोनरी हृदय रोग, सेरेब्रोवैस्कुलर रोग, रुमेटिक हृदय रोग और अन्य स्थितियाँ शामिल हैं। यह अनुमान है कि हर 5 में से 4 CVD मौतें हार्ट अटैक और स्ट्रोक की वजह से होती हैं, और इनमें से एक तिहाई मौतें समय से पहले यानि 70 वर्ष से कम उम्र के लोगों में होती हैं। उपरोक्त आँकड़ों से यह बोला जा सकता है कि कार्डिएक अरेस्ट से 650 मौतें एक आतंकवादी के खात्मे जितनी बड़ी होती है। एक अध्ययन में यह पाया गया है कि अचानक कार्डिएक से मौत, कुल मृत्यु दर का 5.6% और सभी कार्डियोवैस्कुलर मौतों का लगभग 1/5 है। राष्ट्रीय मृत्यु दर के आँकड़ों से मोटे तौर पर यह अनुमान लगाया जाने वाला है कि इंडिया में सालाना 7 लाख कार्डिएक डेथ के केस सुनने के के लिए मिलते रहते है। ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स (जीटीआई) के अनुसार, वर्ष 2019 में विश्व के 9 इलाकों में से 7 में आतंकवाद का प्रभाव कम देखने के लिए मिला है। साथ ही यह भी पाया गया कि वर्ष 2019 वैश्विक आतंकवाद में गिरावट का निरंतर 5वां साल था। वर्ष 2014 में लगभग 17,000 हमलों और कुल 44,000 से ज्यादा मौतों के साथ आतंकवादी हिंसा चरम पर बनी हुई है। साल 2014 और 2019 के बीच दुनिया भर में आतंकवादी हमलों की कुल संख्या में 50% और मौतों का कुल आंकड़ा में 54% की कमी आई है। CVD और आतंकवादी हमलों के दो डेटाबेस की तुलना करने पर, यह स्पष्ट है कि भले ही आतंकवादी हमले वास्तव में मानवता के लिए गंभीर खतरा हैं, फिर भी आतंकवादी हमलों की मृत्यु दर, CVD से बहुत कम है। इस प्रकार हम CVD के बढ़ते मामलों को नज़रअंदाज नहीं कर पाएंगे, जो लगातार मानव जीवन को अपनी चपेट में ले रहे हैं। हाँ, आतंकवाद इंसानियत के लिए एक गहन मुद्दा और बहुत बड़ा खतरा है, जिसे जड़ से खत्म करने के कई तरीके वैश्विक स्तर पर ढूंढे जा रहे है। लेकिन, हम इस बात को नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते कि CVD वर्तमान में सबसे उल्लेखनीय जोखिम है, इसका सामना इंसानों को कई बार अपनी जान देकर भी करना पड़ता है। जहाँ एक ओर हम विभिन्न हथियारों और रणनीतियों के साथ आतंकवादियों का सामना करने के लिए खुद को तैयार कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर, CVD एक मूक जैविक हथियार बना बैठा है, जो हजारों लोगों की जान चुटकियों में दाँव पर लगा रहे है। इसलिए, यही समय सही है खुद की परवाह करने का। सभी जानते हैं कि आतंकवाद एक ऐसा विषय है, जिसे अकेले नियंत्रित नहीं कर सकते है, लेकिन इससे परे कम से कम हम अपने शरीर और स्वास्थ्य की बेहतर देखभाल तो कर ही पाएंगे। CVD मृत्यु दर का प्रकोप विश्वभर में बहुत तेजी से बढ़ रहा है। हम आतंकवाद पर जितना ध्यान देते हैं, इसका आधा भी यदि कार्डियो वैस्कुलर की गंभीरता पर ध्यान दें, तो कई लोगों की जान बचाई जा सके। PGIMER चंडीगढ़ में 29 जून से शुरू होने जा रही है इंटरव्यू प्रक्रिया इस शहर में कल से शुरू होने जा रही ESIC विभाग में इंटरव्यू प्रक्रिया ट्रेनी पदों के लिए यहाँ निकली भर्तियां, जल्द कर ले आवेदन