वर्तमान परिस्थिति में किडनी के पेशेंट्स के लिए यह समय दोहरी सतर्कता का है. एक तरफ तो गर्मी के दिन हैं और दूसरी तरफ यह रिपोट्र्स भी आई हैं कि कोरोना के संक्रमण में फेफड़ों के बाद सबसे बड़ा दुष्प्रभाव किडनी पर ही देखा जा रहा है. यह भी स्थापित तथ्य है कि गर्मियों के मौसम में शरीर में पानी की कमी होने के चलते किडनी पर अतिरिक्त भार आ जाता है. इससे किडनी संबंधी बीमारियां बढ़ जाती हैं. इसलिए सतर्क रहें और अपनी किडनियों को यथासंभव स्वस्थ रखें. आखिर लॉकडाउन में कितने प्रभावित हुए नक्सली आपकी जानकारी के लिए बता दे कि किडनी का महत्वपूर्ण कार्य शरीर से टॉक्सिंस को बाहर निकालना है. इसके अलावा विटामिन-डी के अवशोषण, ब्लडप्रेशर पर नियंत्रण, चयापचय प्रक्रिया से निकले अपशिष्ट की निकासी, शरीर में अम्ल-क्षार तथा इलेक्ट्रोलाइट संतुलन काम किडनी ही करती है. यह लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण को गति देती है और शरीर में द्रव का संतुलन बनाए रखती है. मानव शरीर में एक जोड़ी किडनी होती है. एक भी किडनी स्वस्थ हो, तो विभिन्न शारीरिक क्रियाएं कमोबेश सुचारू रूप से चलती रहती हैं. किडनी से जुड़ा कोई लक्षण नजर आए तो तत्काल इलाज जरूरी है, क्योंकि किडनी का रोग तेजी से बढ़ता है और दोनों ही किडनियों को खराब कर देता है. भोपाल की गलियों में सब्जी बेचने वाले निकले कोरोना पॉजिटिव, प्रशासन के हाथ-पाँव फूले अगर आपको नही पता तो बता दे कि डायबिटीज, हाई ब्लडप्रेशर, आनुवांशिकता, मूत्राशय के संक्रमण, नेफ्राइटिस जैसी तकलीफों व पेन किलर केअधिक सेवन से किडनी का स्वास्थ्य प्रभावित होता है. किडनी में चोट आदि लगने के कारण मूत्राशय से मूत्र के बैक फ्लो यानी गलत दिशा में प्रवाहित होने और किडनी के लिए नुकसानदेह खानपान से भी किडनी की बीमारी हो सकती है. ED ने मौलाना साद के करीबी से की पूछताछ, सामने आए कई राज़ पुष्कर में फंसे पश्चिम बंगाल के 70 से अधिक मजदुर, सरकार से लगा रहे घर भेजने की गुहार डूंगरपुर में कोरोना विस्फोट, एक साथ सामने आए 21 नए मामले