2019 तक भारत में कारों का बदल जाएगा हुलिया

विकास की राह पर अग्रसर होते हुए भारत में वर्ष 2019 तक सुरक्षा की तस्वीर बदल जाएगी. इस बारे में आपको बता दे कि हर कार निर्माता कम्पनी को अपनी कारो में ड्यूल फ्रंट एयरबैग्स, स्पीड वार्निंग अलर्ट और रिवर्स पार्किंग असिस्ट देना होगा. एआईएस यानी ऑटोमेटिव इंडस्ट्री स्टेंडर्ड 145 इन फीचर्स को मैंडेटरी कर दिए जाएंगे. भारत सरकार की तरफ से यह निर्णय रोड एक्सीडेंट्स और कैजुअलटीज़ के केसेस को कम करने के लिए लिया गया है. ये सेफ्टी फीचर्स कार में होने से सर्ड्क दुर्घटनाओं का बढ़ता आंकड़ा कम होने में मदद मिलेगी.

सरकार का इस और लक्ष्य है कि वर्ष 2020 तक सड़क हादसों में 50 फीसदी तक गिरावट हो. ऐसा भी कहा जाता है कि भारत में हर 4 मिनट में रोड एक्सीडेंट के कारण एक व्यक्ति की मौत हो जाती है. रोड ट्रांसपोर्ट एन्ड हाइवे मिनिस्ट्री के अनुसार, भारत की कारो में ग्लोबल सेफ्टी स्टेंडर्ड फॉलो करना बहुत जरूरी हो गया है. सरकार इसे लेकर शीघ्र ही एनसीएपी यानी न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम भी लांच करने वाली है.

कारो में फ्रंट एयरबैग्स ड्राइवर और आगे बैठने वाले पैसेंजर को डेशबोर्ड से चोट आने की संभावना कम हो जाती है. कई बार क्या होता है कि अनभिज्ञता से हम कार की स्पीड बढ़ा लेते है, स्पीड अलर्ट होने से ड्राइवर को 80 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक स्पीड होने पर इसकी जानकारी मिल जाएगी, यहां तक कि 100 किलोमीटर प्रति घंटा तक की स्पीड तक लगातार यह अलर्ट करता रहेगा. कार में ये सेफ्टी फीचर्स होने से इनकी कीमते 10 फीसदी बढ़ने की संभावना तक जताई जा रही है.

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