एच-1बी वीजा को लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चर्चा में बने हुए है. उन्होने इस निदेश के खिलाफ 7 नाबालिगों समेत 174 भारतीय नागरिकों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.इन लोगों ने अदालत में मामला दायर किया है. जिसमें राष्ट्रपति ट्रंप के निर्देश को गैरकानूनी करार दिए जाने की मांग की गई है. इस निर्देश के तहत उन्होने अमेरिका में आने वालों पर पाबंदी या वीजा जारी करने पर अस्थायी रोक लगाने का प्रावधान जारी किया था. बड़ी खबर: तुर्की में पुलिस अधिकारियों से भरा विमान हुई दुर्घटना ग्रस्त विदित हो कि ट्रंप प्रशासन ने अमेरिका में स्टडी करने वाले विदेशी विघार्थीयों का वीजा रद करने का निर्देश दिया था. जिसपर वहां हार्वर्ड यूनिवर्सिटी समेत कई शिक्षण संस्थान अदालत पहुंच गए.जिसके बाद में ट्रंप प्रशासन को अपना निर्णय वापस लेना पड़ा.राष्ट्रपति ट्रंप ने बीते 22 जून को वर्ष के अतिंम तक एच-1बी वीजा जारी करने की प्रक्रिया को निलंबित करने की घोषणा की थी. यह वीजा भारतीय आइटी पेशेवरों में विशेष रूप से चर्चित है.भारतीय नागरिकों ने ट्रंप के इस निर्देश के विरूध्द मंगलवार को कोलंबिया की जिला कोर्ट में मुकदमा दायर किया। राष्ट्रपति ट्रम्प से अमेरिकी सांसदों की मांग, कहा- TikTok पर विश्वास नहीं, भारत की तरह बैन कर दो... बुधवार को केस पर कोर्ट के जज केतनजी ब्राउन ने अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो और गृह सुरक्षा मामलों के कार्यकारी मंत्री चाड एफ वोल्फ के साथ ही श्रम मंत्री यूजिन स्कालिया को नोटिस जारी किया. 174 भारतीयों की ओर से केस दायर करने वाले वकील वास्डेन बेनियास ने बताया कि, 'एच-1बी या एच-4 वीजा पर रोक लगाने वाला निर्देश अमेरिकी अर्थव्यवस्था को हानि पहुंचा सकता है.यह फैमिली को अलग करने के साथ ही संसद की अवहेलना भी करता है.' भारत के प्रयासों के बाढ़ झुका पाक, दिया दूसरा काउंसलर एक्सेस भारत में काफी क्षमता, पूरे विश्व के लिए वैक्सीन बना सकती हैं यहाँ की कंपनियां - बिल गेट्स खुशखबरी: ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी का कोरोना वैक्सीन टेस्ट रहा सफल, जयपुर के दीपक पर हुआ परिक्षण