मेलबर्न: ऑस्ट्रेलिया में 2 सप्ताह की मासूम बच्ची के गुप्तांग को विकृत करने की कोशिश करने के आरोप में दो महिलाओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है। महिलाओं के नाम- सबरीना लाइटबॉडी (Sabrina Lightbody) और नोरिडाह बिंते मोहम्मद (Noridah Binte Mohd) बताए गए हैं। दोनों पर्थ के दक्षिण में कैनिंगटन जिले के एक उपनगर से हैं। कथित तौर पर दोनों महिलाओं ने इस वर्ष जनवरी में एक डॉक्टर से बच्ची का खतना करवाने के लिए संपर्क साधा था। हालाँकि, डॉक्टर ने यह काम करने से मना कर दिया और प्रशासन को इसके बारे में बता दिया। जाँच के बाद चाइल्ड एब्यूज स्क्वॉड के जासूसों ने मामले को सत्य पाया। बता दें कि फीमेल जेनिटल म्युटिलेशन यानी खतना पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में जुर्म माना जाता है। इसलिए ऑस्ट्रेलिया पुलिस ने महिलाओं पर बच्ची के खिलाफ साजिश रचने के आरोप लगाया। दोनों को शुक्रवार को आरमाडेल मजिस्ट्रेट कोर्ट (Armadale Magistrates Court) के सामने हाजिर किया गया। इस सुनवाई में बाल संरक्षण अधिकारियों से बच्चे के कस्टडी को फिर से प्राप्त करने के महिलाओं के अनुरोध को अदालत द्वारा अस्वीकार कर दिया गया। उन्होंने (खतना) जेनिटल म्यूटिलेशन को एक गंभीर अपराध भी बताया। मजिस्ट्रेट ने कहा कि महिलाओं को बच्ची वापस करना बिलकुल ऐसे है, जैसे बच्चे को दोबारा शेर की गुफा में डाल देना। संभव है कि इस मामले में महिलाओं के दोषी पाए जाने के बाद 10 वर्ष की कैद होगी। बता दें कि रिपोर्ट बताती है कि पूरे ऑस्ट्रेलिया में लगभग 53000 महिलाएँ इस दर्द को झेल चुकी हैं। 13 वर्षीय हिन्दू लड़की को घर से घसीटकर ले गए, जबरन कबूल करवाया इस्लाम, फिर जबरदस्ती निकाह टीकाकरण केंद्र की जानकारी प्राप्त करने के लिए गूगल मैप्स करेगा मार्गदर्शन ऑस्ट्रेलिया शिक्षा क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय छात्रों को वापस लाने के लिए कर रही है ये काम