लखनऊ: रामपुर उपचुनाव के दौरान मतदाताओं के साथ मारपीट के कथित आरोप का मामला सर्वोच्च न्यायालय पहुंच गया है। प्रधान न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि यह गंभीर मसला है। CJI चंद्रचूड़ ने याचिकाकर्ता के वकील से गुरुवार को मामले को मेंशन करने के लिए कहा है। एक वकील ने CJI को कहा है कि रामपुर में हुए उपचुनाव के दौरान पुलिस ने लोगों को वोटिंग करने से रोकने के लिए बल प्रयोग किया। वकील ने कहा कि वह वहां का ही वोटर है, वहां उपचुनाव में हिंसा हुई है, इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। वकील ने कहा कि पुलिस ने हज़ारों लोगों को मतदान नहीं करने दिया, वोट देने वाले लोगों की पिटाई की, मैं भी मौके पर मौजूद था। वहीं समाजवादी पार्टी (सपा) ने रामपुर विधानसभा उपचुनाव में पुलिस प्रशासन द्वारा वोटर्स को वोट देने से रोक कर लोकतंत्र की हत्या किए जाने का इल्जाम लगाते हुए चुनाव आयोग सहित देश की सभी संवैधानिक संस्थाओं से इसका संज्ञान लेते हुए जांच कराने की मांग की। राज्य विधानसभा में सपा के मुख्य सचेतक मनोज पांडे ने पार्टी राज्य मुख्यालय पर प्रेस वार्ता में आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने मंगलवार को संपन्न रामपुर विधानसभा उपचुनाव में पराकाष्ठा कर दी। जिस प्रकार से पुलिस की मदद से एक खास धर्म और वर्ग के वोटर्स को वोट देने से जबरन रोका गया, वह लोकतंत्र की हत्या के समान है। उन्होंने कहा कि, हम चुनाव आयोग समेत सभी संवैधानिक संस्थाओं से अपील करते हैं कि वे रामपुर उपचुनाव के दौरान हुई ज्यादती का स्वत: संज्ञान लेते हुए जांच कराएं, क्योंकि यह मामला किसी व्यक्ति का नहीं है, बल्कि लोकतंत्र की रक्षा का है। महिला के साथ आपत्तिजनक हालत में अशोक गहलोत के मंत्री सालेह मोहम्मद ? Video वायरल 'दिल्ली से बाहर भी भारत बसता है, हमें उसे समझना होगा..', CJI चंद्रचूड़ ने क्यों कहा ऐसा ? महाकाली नदी के रास्ते में नहीं होगा कोई परिवर्तन, भारत-नेपाल में बनी सहमती