केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) को लॉकडाउन के दौरान सुनवाई करने में कठिनाई पेश आ रही है. इसकी वजह वीडियो कांफ्रेंस के बुनियादी ढांचे को बताया जा रहा है. कैट केंद्र सरकार के कर्मचारियों के सेवा से जुड़े मामलों का निपटारा करता है.एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक, लॉकडाउन लागू होने के बाद ट्रिब्यूनल की पीठों के लिए काम करना असंभव हो गया है क्योंकि न तो वकील और न ही कैट के कर्मचारी इस स्थिति में हैं कि वे काम पर आ सकें. लोकसभा चुनाव में हमेशा 'अपराजेय' रहीं ताई, लगातार 8 बार चुनी गईं थीं सांसद इस मामले को लेकर बयान के मुताबिक, 'वीडियो कांफ्रेंस से सुनवाई करने का विकल्प उपलब्ध नहीं है क्योंकि पहले तो आवश्यक उपकरण उपलब्ध नहीं हैं और दूसरा लॉकडाउन की वजह से इन्हें खरीदना भी संभव नहीं है.' बयान में कहा गया है कि कैट की मुख्य पीठ और देशभर में इसकी पीठों की हमेशा यही कोशिश रही है कि जितने ज्यादा हो सकें उतने मामले निपटाए जाएं और ट्रिब्यूनल से संपर्क करने वाले व्यक्तियों की संतुष्टि के लिए काम किया जाए. वास्तव में फरवरी माह तक मामलों के निपटारे की दर अभूतपूर्व रही है. कोरोना से अपनी जान पर खेलकर संक्रमितों की जान बचाने वालों को मिलेगा यह खास तोहफा आपकी जानकारी के लिए बता दे कि कोरोना वायरस संक्रमण फैलने के बाद शारीरिक दूरी के मानकों का पालन करके सुनवाई की जा रही थी, लेकिन लॉकडाउन के बाद यह असंभव हो गई.15 अप्रैल के बाद अदालती कार्यवाही की जरा भी गुंजाइश हुई तो सुनवाई की जाएगी. बड़ी खबर: अब बिना कर्फ्यू पास के भी बाहरी राज्यों में जा सकते है सब्जियों के वाहन राजस्थान में कोरोना का बढ़ रहा प्रकोप, सामने आई एक और मौत लॉकडाउन का उल्लंघन करना लोगों को पड़ा भारी, 13 के खिलाफ मुकदमा हुआ दर्ज