देवभोग में मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद दो मरीजों की आंखों की रोशनी जाने के मामले में एक राज्य स्तरीय जांच कमेटी का गठन किया गया है. इस राज्य स्तरीय कमेटी का गठन स्वास्थ्य संचालनालय ने किया है. मोतियाबिंद ऑपरेशन मामले में शिकायत मिलने के बाद ये कदम उठाया गया है. कमेटी ने रिम्स मेडिकल कॉलेज, मोवा स्थित श्री बालाजी हॉस्पिटल के साथ कुछ अस्पताल की जांच की. कमेटी ने रिम्स और श्री नारायणा हॉस्पिटल में जांच के दौरान पाया की इन अस्पताल में मोतियाबिंद सर्जरी के तय प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया है. रिम्स मेडिकल कॉलेज और श्री नारायणा हॉस्पिटल में आरएसबीवाई-एमएसबीवाई योजना के अनुसार छह माह के लिए मोतियाबिंद सर्जरी पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. वहीं ज्ञानदेवी नेत्रालय एवं प्रसूति क्लीनिक और श्री बालाजी हॉस्पिटल को चेतावनी दी गई है. ये बात भी सामने आयी है कि ऑपरेशन के बाद मरीजों का फॉलोअप नहीं किया जा रहा है. इस वजह से मरीजों की आंख में संक्रमण का खतरा हो जाता है. मोतियाबिंद ऑपरेशन के लिए एक सर्जन को जहां 10 से 12 सर्जरी की अनुमति रहती है. ऐसे ये पया गया है कि एक सर्जन 20 से ज्यादा सर्जरी कर रहे हैं. पीएम ने रायपुर से जगदलपुर के बीच हवाई सेवा का शुभारंभ किया रक्तदान के प्रति ग्रामीण लोगों को जागरूक करते हैं ये लोग केंद्रीय इस्पात मंत्री : भारत का इस्पात उद्योग बुलंदियों की नित नई ऊंचाई को छू रहा है