सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को फैसला सुनाया कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) संज्ञेय अपराध का खुलासा करने वाली विश्वसनीय जानकारी मिलने पर सीधे मामला दर्ज कर सकता है और जांच एजेंसी के लिए मामला दर्ज करने से पहले प्रारंभिक जांच करना अनिवार्य नहीं है। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने उल्लेख किया कि चूंकि सीआरपीसी के तहत स्थायी स्थापना संस्थान (पीई) अनिवार्य नहीं है, इसलिए शीर्ष अदालत के लिए निर्देश जारी करना विधायी क्षेत्र पर कदम होगा। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि अगर सीबीआई प्रारंभिक जांच नहीं करने का फैसला करती है, तो आरोपी इसे अधिकार के रूप में नहीं मांग सकता है। फैसला सुनाते हुए पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय ने आरोपी को उसके अपराध से बरी करने के लिए एक चार्टर्ड एकाउंटेंट की भूमिका निभाई। शीर्ष अदालत ने जोर देकर कहा कि सीबीआई विश्वसनीय सूचना मिलने पर सीधे मामले दर्ज कर सकती है। इसने आगे कहा कि भ्रष्टाचार के हर मामले में प्रारंभिक जांच करने का न्यायिक निर्देश नहीं हो सकता है। हालांकि, पीठ ने कहा कि सीबीआई उचित मामलों में पीई करने के लिए स्वतंत्र होगी। 'गरीब बच्चों को फ्री लैपटॉप-मोबाइल की सुविधा दे सरकार..', सुप्रीम कोर्ट का आदेश प्रियंका गांधी ने कहा- "कश्मीर में सुरक्षा मुहैया कराए सरकार..." समाजसेवा की आड़ में लोगों को मुस्लिम बनाता था सरफ़राज़ अली, यूपी ATS ने किया गिरफ्तार