'मेरी जमानत को चुनौती नहीं दे सकती CBI..',चारा घोटाले में लालू यादव का सुप्रीम कोर्ट में जवाब

पटना: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू यादव ने आज सोमवार (21 अगस्त) को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की उस याचिका का विरोध किया, जिसमें चारा घोटाले के सिलसिले में उन्हें दी गई जमानत रद्द करने की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपने जवाब में लालू यादव ने कहा कि उनकी सजा को निलंबित करने के झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश को सिर्फ इस आधार पर चुनौती नहीं दी जा सकती कि CBI असंतुष्ट है। बता दें कि, भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ चारा घोटाले से संबंधित डोरंडा कोषागार मामले में झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा लालू यादव को दी गई जमानत को रद्द करने की मांग वाली CBI की याचिका पर 25 अगस्त को सुनवाई करेगी। अपने जवाब में लालू यादव ने खराब स्वास्थ्य और बढ़ती उम्र का हवाला देते हुए कहा कि उन्हें हिरासत में रखने से कोई मकसद पूरा नहीं होगा। 

उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप करने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि यह सामान्य सिद्धांतों और समान नियमों पर आधारित है। उल्लेखनीय है कि, पिछले साल 22 अप्रैल को झारखंड हाई कोर्ट ने डोरंडा कोषागार गबन मामले में लालू यादव को जमानत दे दी थी।  डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपये से अधिक के गबन से जुड़े पांचवें चारा घोटाला मामले में रांची की एक विशेष CBI अदालत ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री को पांच साल जेल की सजा सुनाई थी और 60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। 15 फरवरी को रांची की CBI कोर्ट ने लालू यादव को दोषी ठहराया था। 21 फरवरी को उन्हें चारा घोटाला मामले में पांच साल की कैद और 60 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई थी। 75 वर्षीय लालू यादव के पास घोटाले की अवधि के दौरान अविभाजित बिहार का वित्त विभाग था, जिसके वह मुख्यमंत्री थे।

आरोप है कि, लालू यादव को पशुपालन विभाग के माध्यम से रिश्वत मिली थी। फर्जी चालान और बिल जारी किए गए जिन्हें वित्त विभाग द्वारा मंजूरी दे दी गई और राजकोष के माध्यम से पैसा जारी किया गया। बता दें कि, लालू यादव के खिलाफ चारा घोटाले से जुड़े 5 मामले हैं और उन सभी पांचों मामलों में लालू यादव दोषी साबित हो चुके हैं। लालू चारा घोटाले में 950 करोड़ रुपए की अवैध निकासी मामले में दोषी पाए गए थे। सभी मामलों की कुल सजा मिलाकर, लालू को 32.5 साल की कैद, 1.55 करोड़ जुर्माने की सजा सुनाई जा चुकी है। हालाँकि, लालू ने जेल में काफी कम समय बिताया है, वे अधिकतर समय बीमार रहने के चलते अस्पतालों में भर्ती रहे और फिर पूर्व कांग्रेस नेता और पेशे से वकील कपिल सिब्बल ने उन्हें हाई कोर्ट से जमानत दिलवा दी। इसी जमानत को CBI ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। 

 'नफरत-कट्टरता फैलाने वाली ताकतें आज सत्ता में..', केंद्र पर सोनिया गांधी का हमला, की राजीव के कार्यकाल की तारीफ

चीन पर बयान देकर घिरे राहुल गांधी, अब रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल संजय कुलकर्णी ने दी कड़ी नसीहत

एनआईए की विशेष अदालत ने जाली नोट मामले में मुख्य आरोपी रसीउद्दीन को पांच साल की सजा सुनाई

Related News