नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई डायरेक्टर आलोक कुमार वर्मा की याचिका पर आज सुनवाई की जा रही है, पिछली सुनवाई में सरकार ने स्पष्ट कर दिया था कि सीबीआई निदेशक पद पर नियुक्ति का अधिकार तो उसके पास ही है. सरकार ने कहा था कि चयन समिति द्वारा योग्य उम्मीदवारों का चयन ज़रूर किया जाता है, लेकिन उनकी नियुक्ति तो सरकार ही करती है. जिसके बाद कोर्ट ने मामले की सुनावई 5 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी थी. शेयर बाजार : लगातार दूसरे दिन जारी रही बड़ी गिरावट, जाने आज कितना गिरा बाजार आज शीर्ष अदालत में सरकार का पक्ष रखते हुए अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा कि सॉलिसिटर जनरल ने हमारे पास मीडिया रिपोर्ट्स का चिटठा भेजा है. उन्होंने कहा कि हमने आलोक वर्मा को सिर्फ छुट्टी पर भेजा था. गाड़ी, बंगला, भत्ते, वेतन और यहां तक कि पदनाम भी पहले की तरह कायम हैं, आज भी वे ही सीबीआई निदेशक हैं. के के वेणुगोपाल ने कहा कि वे एक-एक करके मामले को देख रहे हैं. याचिकाकर्ता द्वारा जमा किया गया आदेश डीएसपीई अधिनियम की धारा 4 (2) के अंतर्गत आता है. जो कहता है कि सीबीआई में हाल में हुए काम केंद्र सरकार की निगरानी में है. डॉलर के मुकाबले रुपए की बड़ी जीत, अब यह देश भी रुपये में करेगा लेनदेन एजी ने कहा कि नियमानुसार किसी भी अफसर का तबादला कहीं भी हो सकता है. अधिकारी को एक मुख्यालय से दूसरे मुख्यालय या शाखा में स्थानांतरित किया जा सकता है. अगर पदोन्नति बनती है तो ट्रांसफर प्रमोशन के साथ या फिर बिना प्रमोशन के भी मुमकिन है और ट्रांसफर से पहले कमेटी का सुझाव ज़रूरी नहीं है. उनका सुझाव सिर्फ नियुक्ति के लिए जरूरी माना जाता है. एजी ने कहा कि सीबीआई के अफसरों के बीच चल रहे विवाद की सारी जानकारी अखबारों और मीडिया को है, सब कुछ जनता की पहुँच में है. खबरें और भी:- यहां लड़कियों के इस अंग को देखने की होती है प्रतियोगिता नोटबंदी की वजह से आयकर रिटर्न में हुआ 50 फीसदी इजाफा खुशखबरी : नहीं करना होगा लम्बा इंतजार, अब सिर्फ 4 घंटे में बनेगा पैन कार्ड