नई दिल्‍ली. सीबीआई में कुछ दिनों पहले ही विशेष निदेशक राकेश अस्थाना पर घूस लेने के आरोप लगने के बाद से ही उनके और सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के बीच बहसबाजी और अहम की लड़ाई छिड़ गई थी. इस वजह से सीबीआई की साख लगातार गिरते ही जा रही थी. लेकिन अब केंद्र सरकार ने इस बात को गंभीरता से लेते हुए एक बड़ी कार्यवाई की है. जेएनयू के लापता छात्र की सीबीआई ने बंद की तलाश दरअसल केंद्र सरकार ने सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना के बीच बढ़ती ही जा रही बहसबाजी और उससे प्रभावित हो रहे CBI के कामकाज को गंभीरता से लेते हुए एक बड़ी कार्रवाई कर सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा से उनके सभी अधिकार छीन लिए है. सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि केंद्र सरकार ने देर रात एक आदेश जारी कर सीबीआई के नए अंतरिम निदेशक की नियुक्ति भी कर दी है. CBI ने यह कमान एम नागेश्‍वर राव को सौपी है. CBI डायरेक्टर पर घूस लेने का आरोप, एफआईआर दर्ज आपको बता दें कि एम नागेश्‍वर राव अब तक सीबीआई में ही संयुक्‍त निदेशक के पद पर तैनात थे. केंद्र सरकार ने आलोक वर्मा के साथ-साथ सीबीआई में कार्यरत डीआईजी मनीष कुमार सिन्‍हा और तिरिक्‍त निदेशक पॉलिसी अरुण शर्मा के खिलाफ भी कार्रवाई करते हुए उन्हें छुट्टी पर भेज दिया गया है. ख़बरें और भी सीबीआई रिश्वतखोरी मामला: राकेश अस्थाना को अदालत से राहत, अगले सोमवार तक टली गिरफ़्तारी सीबीआई राकेश अस्थाना मामला: 5 बिंदुओं में जानिए पूरी कहानी, क्या थे आरोप और क्यों हुई गिरफ़्तारी सीबीआई का झगड़ा पहुंचा दिल्ली हाई कोर्ट, डीएसपी देवेंद्र कुमार की हुई पेशी अस्थाना रिश्वत मामले में सीबीआई ने किया एक अधिकारी को गिरफ्तार