पटना: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने बहुचर्चित चारा घोटाले से संबंधित डोरंडा कोषागार मामले में झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को दी गई जमानत के खिलाफ आज शुक्रवार (18 अगस्त) को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। सुप्रीम कोर्ट 25 अगस्त को CBI द्वारा दायर अपीलों को सूचीबद्ध करने पर सहमत हुआ है। CBI ने करोड़ों रुपये के चारा घोटाले (दुमका, चाईबासा, डोरंडा, देवगढ़ कोषागार) से संबंधित चार मामलों में RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद को जमानत देने के झारखंड उच्च न्यायालय के आदेशों को चुनौती दी है। CBI चाहती है कि लालू प्रसाद यादव की जमानत रद्द हो जाए। बता दें कि, सालों तक चली सुनवाई में बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव को अदालत ने चारा घोटाले में दोषी करार देते हुए जेल की सजा सुनाई थी। जिसमे अधिकतर समय लालू बीमार होने के नाम पर जेल में न रहकर अस्पताल में भर्ती रहे। लेकिन कपिल सिब्बल ने हाई कोर्ट में यह कहकर उन्हें जमानत दिलवा दी कि, उन्होंने अपनी सजा के 45 महीने पूरे कर लिए हैं। क्या है पूरा मामला :- बता दें कि, इसी साल फरवरी में CBI की विशेष अदालत ने चारा घोटाले से जुड़े डोरंडा कोषागार मामले में लालू प्रसाद यादव को दोषी ठहराया था। चारा घोटाला बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल के दौरान मवेशियों के चारे और अन्य आवश्यकताओं पर फर्जी खर्च के लिए विभिन्न सरकारी खजानों से 950 करोड़ रुपये की अवैध निकासी को संदर्भित करता है। डोरंडा कोषागार मामले में 99 आरोपियों में से 24 को बरी कर दिया गया, जबकि 46 आरोपियों को पिछले हफ्ते ही तीन साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। 74 वर्षीय लालू प्रसाद यादव को इससे पहले झारखंड में दुमका, देवघर और चाईबासा कोषागार से संबंधित चार अन्य मामलों में 14 साल जेल की सजा सुनाई गई थी। हालाँकि, लालू अभी जमानत पर हैं। यूपी से ISI का एजेंट कलीम अहमद गिरफ्तार, खतरनाक मंसूबों पर कर रहा था काम 'हम सामूहिक जिम्मेदारी के साथ आगे बढ़ते हैं..', भाजपा कार्यकर्ताओं से बोले पीएम मोदी छत्तीसगढ़ में 'बघेल बनाम बघेल' की लड़ाई ? भाजपा ने CM भूपेश के गढ़ से उनके भतीजे विजय को चुनावी दंगल में उतारा