नई दिल्ली: शराब घोटाले में बुरी तरह फंसे दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने सोमवार (5 सितंबर) को यह दावा किया कि CBI के एक अफसर ने इसलिए ख़ुदकुशी कर ली, क्योंकि उन पर आबकारी मामले में मुझे झूठा फंसाने के लिए दबाव बनाया गया था। हालांकि, CBI ने मनीष सिसोदिया के बयान को शरारती और भ्रामक करार देते हुए इसे सिरे से ख़ारिज कर दिया है। CBI के एक अधिकारी की आत्महत्या को लेकर सिसोदिया के बयान पर जांच एजेंसी ने यह स्पष्ट किया है कि दिवंगत अधिकारी जितेंद्र कुमार आबकारी मामले की जांच से किसी भी प्रकार से जुड़े हुए नहीं थे। जितेंद्र कुमार सिर्फ उन अभियोजकों (Prosecutors) की निगरानी कर रहे थे, जो दिल्ली में पहले से ही आरोपपत्र दाखिल किए गए मामलों की सुनवाई कर रहे हैं। CBI ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि अधिकारी की मौत की जांच कर रही दिल्ली पुलिस को मिले सुसाइड नोट में उन्होंने अपनी मौत के लिए किसी को जिम्मेदार नहीं बताया है। CBI ने कहा कि दिल्ली आबकारी नीति मामले की छानबीन की जा रही है। अभी किसी भी आरोपी को क्लीनचिट नहीं दी गई है। मनीष सिसोदिया का बयान शरारती और भ्रामक होने के साथ ही इस मामले में जारी जांच से ध्यान भटकाने का प्रयास है। बता दें कि शराब घोटाले में जांच का सामना कर रहे मनीष सिसोदिया ने सोमवार को यह दावा किया कि CBI के एक अफसर ने इसलिए ख़ुदकुशी कर ली, क्योंकि उन पर मुझे झूठे आबकारी मामले में फंसाने के लिए दबाव बनाया गया था। सिसोदिया ने पीएम नरेंद्र मोदी पर भी हमला बोलते हुए कहा कि वह सिर्फ विधायकों की खरीद फरोख्त करके गैर-भाजपा राज्यों में सरकारों को अस्थिर करने के संबंध में सोचते हैं। अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर इस आयु के मतदाताओं का होगा सम्मान 'हमारी सरकार बनी, तो किसानों का 3 लाख का ऋण माफ़ करेंगे..', गुजरात में राहुल गांधी का वादा सुभासपा में ओपी राजभर के खिलाफ शुरू हुई बगावत, महेन्‍द्र राजभर ने दिया इस्तीफा