नई दिल्ली: केंद्र सरकार के शीर्ष अधिकारियों और एक मंत्री पर गंभीर इल्जाम लगाने वाले सीबीआइ के डीआइजी मनीष कुमार सिन्हा की परेशानियां बढ़ सकती हैं. इस मामले में सीबीआइ उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने पर विचार कर रही है, लेकिन इसके लिए कोई भी निर्णय सुप्रीम कोर्ट का रूख देखने के बाद ही लिया जाएगा. मनीष कुमार सिन्हा की याचिका में लगाए गए आरोपों की जानकारी, सुनवाई से पहले ही मीडिया में बांटे जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भी कड़ी नाराजगी जताई है. मोबाइल यूजर्स को झटका, बंद हो सकती है फ्री इनकमिंग कॉल सर्विस डीओपीटी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सरकारी अधिकारी का अपने अधिकारों की मांग लेकर कोर्ट में जाना कोई आश्चर्यजनक बात नहीं है, इसके लिए वे आज़ाद हैं, लेकिन सरकार के शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगाने की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती, यह सरासर सेवा नियमों का उल्लंघन है. इसके लिए विभाग संबंधित अधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब तलब सकता है और संतुष्ट नहीं होने की स्थिति में विभागीय कार्रवाई भी कर सकता है. सीबीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस संबंध में चर्चा की जा रही है, कानूनी सलाह के बाद ही उचित कदम उठाया जाएगा. शेयर मार्केट : आज बाजार ने किया निराश, सेंसेक्स 300 अंक से टूटा, निफ्टी की भी हालत ख़राब उल्लेखनीय है कि मनीष कुमार सिन्हा ने नागपुर में अपने तबादले के आदेश को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपनी अर्जी में एनएसए अजीत डोभाल, कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा, सीवीसी केवी चौधरी, विधि सचिव सुरेश चंद्रा और कोयला व खदान राज्यमंत्री हरीभाई पारथीभाई चौधरी पर गंभीर आरोप लगाए थे. इस मामले में सबसे दिलचस्प बात ये है कि जिन भी लोगों पर आरोप लगाए गए हैं, इनमें से किसी के साथ भी मनीष की कोई बातचीत नहीं हुई है और सारे आरोप भी दूसरों के बयान के हवाले से लगाए गए हैं. खबरें और भी:- सोना-चांदी के दामों में भारी गिरावट, आज इतने है दाम सरकार की मांगों पर RBI की सहमति, जल्द ही सिस्टम में डालेगा 8,000 करोड़ रुपये SBI का बम्पर ऑफर, मुफ्त में मिलेगा 5 लीटर पेट्रोल