भारतीय जांच एजेंसी सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए गौतम अडानी की अगुआई वाली अडानी इंटरप्राइजेज व बहुराज्यीय भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ लिमिटेड (एनसीसीएफ) के पूर्व चेयरमैन और पूर्व प्रबंध निदेशक के खिलाफ भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है. आरोप है कि आंध्र प्रदेश में बंदरगाहों से बिजली स्टेशनों को आपूर्ति किए जाने वाले कोयले की ढुलाई के लिए अहमदाबाद की इस कंपनी के चयन में अनियमितता बरती थी. बाबूलाल मरांडी की भाजपा में वापसी पर नाराज प्रदीप यादव, असहज स्थिति पर कही ये बात मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एनसीसीएफ के तत्कालीन चेयरमैन वीरेंद्र सिंह, इसके तत्कालीन एमडी जीपी गुप्ता और तत्कालीन वरिष्ठ सलाहकार एससी सिंघल, अडानी इंटरप्राइजेज लिमिटेड और अन्य लोकसेवकों के खिलाफ आपराधिक साजिश का मामला दर्ज किया है. सीबीआई के मुताबिक प्राथमिक जांच में आरोपी अधिकारियों और अडानी इंटरप्राइजेज को मामले में दोषी पाया गया. जाट आरक्षण आंदाेलन में आया नया मोड, सर्वखाप के सामने विवाद पर फैसला आपकी जानकारी के लिए बता दे कि आंध्र प्रदेश पावर जनरेशन कारपोरेशन (एपीजेनको) ने 29 जून, 2010 को कडपा में रायलसीमा थर्मल पावर प्लांट और विजयवाड़ा में नार्ला टाटा राव थर्मल पावर प्लांट को बंदरगाहों से आयातित छह लाख मीट्रिक टन कोयले की आपूर्ति के लिए निकाले गए टेंडरों की सीमित जांच कराई थी. टेंडरों की जांच तब उपभोक्ता मंत्रालय के तहत आने वाली एनसीसीएफ समेत सात सरकारी कंपनियों को सौंपी गई थी. NPR को लेकर गृह मंत्रालय ने बुलाई राज्यों की बैठक, ममता बनर्जी नहीं होंगी शामिल महाराष्ट्र: आयकर विभाग ने भेजा एक करोड़ का नोटिस, झुग्गी में रहकर करता है गुजारा दो दशक पुरानी ब्रू जनजाति की समस्या का हुआ समाधान, अमित शाह ने किया ऐलान