नई दिल्ली: बैंक घोटालों की लम्बी फेहरिस्त में भारत की सबसे बड़ी बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) से एक और घोटाला उजागर हुआ है. सीबीआई ने गुरुवार को एक निजी कंपनी और 8 अन्य के खिलाफ एसबीआई से 65 करोड़ रुपये का घोटाला करने का मामला दर्ज किया है, जो कर्ज के रूप में लिए गए थे, लेकिन लौटाए नहीं गए. आरोप है कि कंपनी जय अंबे गौरी केम. लिमिटेड वर्ष 2009 से ही एसबीआई के साथ बैंकिंग कर रहा था, जिसने तब एक्सिस बैंक की तरफ से मुहैया सुविधा के आधार पर ऋण लिया था. सीबीआई के प्रवक्ता ने कहा, 'ऋण सुविधा में नकद क्रेडिट, टर्म लोन और लेटर ऑफ क्रेडिट शामिल है. खाता 30 अप्रैल 2014 को एनपीए बन गया और फिर इसे धोखाधड़ी घोषित कर अक्तूबर 2016 में आरबीआई को सूचित किया गया. मामले की जांच कर रही सीबीआई ने कंपनी, इसके अध्यक्ष व सह प्रबंध निदेशक नरेन्द्र कुमार पटेल और कंपनी के निदेशकों सहित आठ लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. अधिकारी ने बताया कि एजेंसी ने हाल में मामले के सिलसिले में छापेमारी की थी. उन्होंने कहा, 'आरोप है कि कंपनी ने बैंक की सहमति के बगैर स्टॉक हटा लिया, गिरवी रखी गई संपत्तियां विवादित थीं, कोष को कहीं और भेज दिया गया और काफी नकदी जमा कराई गई और उसे निकाला गया.' उन्होंने कहा कि ऋण धोखाधड़ी में बैंक को कथित तौर पर 65.35 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. एसबीआई के मुताबिक, कंपनी के खाते 30 अप्रैल 2014 से गैर निष्पादित परिसंपत्ति घोषित थे और बाद इसे धोखाधड़ी का मामला मानते हुए इसकी जानकारी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को 2016 के अक्टूबर में दी गई थी. नीरव की कंपनी के दिवालिया मामले में पीएनबी देगा दखल पंजाब नेशनल बैंक दिवालिया होने की कगार पर बैंक धोखाधड़ी करने वालों के पासपोर्ट रद्द हों - ईडी