उन्नाव गैंगरेप केस में सीबीआई ने पीड़िता द्वारा लगाए गए उन आरोपों को सही पाया है. पीड़िता का आरोप है कि पिछले साल 4 जून को बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने उसका रेप किया था, जबकि उस दौरान उनकी महिला सहयोगी शशि सिंह कमरे के बाहर पहरा दे रही थी. अब सीबीआई ने इसकी पुष्टि कर दी है. सूत्रों के मुताबिक, पीड़ित लड़की जहां बांगरमऊ के विधायक सेंगर का नाम लेती रही, वहीं स्थानीय पुलिस ने 20 जून को दर्ज एफआईआर में विधायक और अन्य आरोपियों के नाम शामिल नहीं किए. सीबीआई ने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत कोर्ट के समक्ष पीड़िता का बयान दर्ज किया जिसमें वह अपने आरोपों पर बनी रही. सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने लड़की की मेडिकल जांच में भी देरी की और लड़की के वजाइनल स्वैब और कपड़ों को फरेंसिक लैब नहीं भेजा. उन्होंने कहा, 'यह सबकुछ जानबूझकर और आरोपियों की मिलीभगत से किया गया.' सीबीआई को दिए पीड़ित लड़की के बयान और स्वतंत्र जांच के आधार पर एजेंसी के एक सूत्र ने बताया, 'शशि द्वारा नौकरी का झांसा देकर विधायक के घर लड़की को लाया गया था, जिसके बाद विधायक ने 4 जून को लड़की के साथ रेप किया था. 4 और 10 जून के बीच लड़की कुछ नहीं बोली क्योंकि उसे धमकाया गया था. 11 जून को उसका तीन लोगों शुभम सिंह, अवध नारायण और ब्रिजेश यादव ने अपहरण कर लिया. 11 से 19 जून तक लड़की ज्यादातर एसयूवी में घूमती रही और उसके साथ चलती गाड़ी में तीनों लगातार रेप करते रहे.' सूत्र के मुताबिक, 'इसलिए, यूपी पुलिस का दावा सही था कि 20 जून के एफआईआर में विधायक और शशि सिंह का नाम शामिल नहीं था, लेकिन जो बात इसने छुपाई वह यह की पीड़िता की शिकायत को यूपी पुलिस ने कमजोर कर दिया.' उन्नाव रेप केस: आरोपी विधायक को दूसरी जेल में शिफ्ट किया उन्नाव रेप केस में नया मोड़ दुष्कर्म मामलों में मृत्युदंड, कितना कारगर ?