नई दिल्ली: सोहराबुद्दीन शेख-तुलसीराम प्रजापति कथित फर्जी एनकाउंटर मामले में 13 साल बाद आज अदालत ने फैसला दे दिया है. सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा है कि सभी गवाह और सबूत साजिश और हत्या को साबित करने के लिए संतोषजनक नहीं हैं. अदालत ने कहा है कि आरोपों को सिद्ध करने के लिए सबूत पर्याप्त नहीं हैं. आज से शुरू हुई बैंककर्मियों की हड़ताल, पांच दिनों तक बंद रहेंगे बैंक अदालत ने कहा कि तुलसीराम प्रजापति की हत्या एक साजिश के तहत किए जाने का आरोप सच नहीं है. सरकारी मशीनरी और अभियोजन पक्ष ने बहुत कोशिशें की है. मामले में 210 गवाह पेश किए गए हैं, लेकिन पर्याप्त सबूत नहीं मिल पाए और गवाह भी अपनी गवाही से पलट गए. यदि गवाह बयान नहीं देते हैं तो इसमें अभियोजक की कोई त्रुटि नहीं है. NFL भर्ती : यहां युवाओं के लिए नौकरी की अपार संभावना, ट्रेनी के 78 पद हैं खाली आपको बता दें कि वर्ष 2005 के इस मामले में 22 लोग आरोपों का सामना कर रहे थे, जिनमें ज्यादातर आरोपी पुलिसकर्मी थे. यहां की एक विशेष सीबीआई कोर्ट द्वारा इस मामले की सुनवाई की जा रही थी. इस मामले पर विशेष नज़र इसलिए भी रही थी, क्योंकि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी आरोपियों की सूची में शामिल थे. हालांकि, अदालत द्वारा 2014 में उन्हें आरोप मुक्त कर दिया गया था. इस घटना के दौरान अमित शाह गुजरात के गृह मंत्री थे. खबरें और भी:- रुपए में आई 43 पैसे की मजबूती, जानिए आज क्या रहा भाव सोने की कीमतों में आया उछाल, चांदी की चमक पड़ी फीकी वर्ष 2020 में राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी करेगा उत्तराखंड