नई दिल्ली: केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) आज 11 बजे शराब घोटाला मामले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के बैंक लॉकर की जांच करेगी। गाजियाबाद के वसुंधरा सेक्टर 4 की पंजाब नेशनल बैंक में जाकर CBI बैंक लॉकर की तलाशी लेगी। इस दौरान मनीष सिसोदिया और उनकी पत्नी भी CBI टीम के साथ मौजूद रहेंगी। बैंक में CBI के अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे। डिप्टी सीएम के सामने ही उनके लॉकर खोले जाएंगे। बता दें कि दिल्ली के बहुचर्चित शराब घोटाले में गड़बड़ी के मामले में CBI एक्शन में है। जांच एजेंसी ने इससे पहले अगस्त में ही दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के आवास पर रेड मारी थी। यही नहीं CBI ने इस मामले में पूर्व आबकारी आयुक्त अरावा गोपी कृष्णना के आवास सहित 7 राज्यों के 21 ठिकानों पर छापा मारा था। दरअसल, बीते दिनों दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) विनय सक्सेना ने CBI जांच की सिफारिश की थी। एलजी वीके सक्सेना ने मुख्य सचिव की रिपोर्ट के बाद यह आदेश दिया था। इस रिपोर्ट में मनीष सिसोदिया की भूमिका विवादों के दायरे में हैं। दरअसल, दिल्ली का आबकारी विभाग मनीष सिसोदिया के अधीन है। हालांकि, LG के आदेश के बाद ही केजरीवाल सरकार ने फ़ौरन यू टर्न लेते हुए वापस पुरानी शराब नीति लागू करने का ऐलान कर दिया था। अब इसे जांच का डर कहें या कुछ और लेकिन केजरीवाल सरकार शराब घोटाले को लेकर किए गए कई सवालों में से एक के भी जवाब नहीं दे रही है, वहीं नई शराब नीति वापस लेना भी दिल्ली सरकार को बैकफुट पर धकेल चुका है। दरअसल, नई शराब नीति में घोटाले के आरोप हैं। इसके माध्यम से शराब लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ पहुंचाने का भी इल्जाम है। लाइसेंस देने में नियमों का उल्लंघन किया गया। टेंडर के बाद शराब ठेकेदारों के 144 करोड़ रुपए माफ किए गए। रिपोर्ट में बताया गया है कि इस नीति के जरिए कोरोना महामारी की आड़ लेकर लाइसेंस की फीस माफी की गई। रिश्वत के बदले शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाया गया। आरोप है कि नई आबकारी नीति के तहत उठाए गए कदमों से राजस्व को काफी घाटा हुआ है और यह नई नीति शराब कारोबारियों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से लाई गई। सोनिया गांधी के 'पुत्रमोह' में डूब गई कांग्रेस ! दिग्गज नेता ने राहुल की काबिलियत पर उठाए सवाल राहुल गांधी के खिलाफ उतरेंगे शशि थरूर ! कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में देंगे टक्कर CM केजरीवाल को सिंगापुर क्यों नहीं जाने दिया ? दिल्ली HC ने केंद्र सरकार से माँगा जवाब