नई दिल्ली : राजनीतिक चंदे में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से सरकार ने बजट भाषण चुनाव बांड के प्रस्ताव पर राजनीतिक दलों से सुझाव मांगे थे. लेकिन इसमें राजनीतिक दलों की ओर से अभी तक कोई सुझाव नहीं दिए जाने से सहमति नहीं बन पा रही है.लेकिन सरकार अब अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए इसे कानून का रूप देने का विचार कर रही है. यह बात वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को आयकर दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में कही. उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि नकद चंदे की व्यवस्था को बदलना है. यह सच्चाई सभी को पता है फिर भी लोग चुनाव बांड पर सुझाव देने को इच्छुक नहीं हैं.ऐसे में सुझाव नहीं आते हैं और सहमति नहीं बनती है तो सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए इसे कानून का रूप देगी .जेटली के अनुसार आज देश बदल रहा है. अधिकांश लोगों की राय इस प्रस्ताव के समर्थन में है. गौरतलब है कि वित्त मंत्री ने इस वर्ष बजट भाषण में राजनीतिक दलों को मिलने वाले गुमनाम नकद चंदे की सीमा 2,000 रुपये तय कर दी और बड़ी राशि के चंदे के लिए चुनाव बांड का प्रस्ताव दिया था. जेटली ने चुनाव बांड के प्रस्ताव पर राजनीतिक दलों से सुझाव मांगे थे. लेकिन किसी ने रूचि नहीं दिखाई. इस दशा में अब सरकार इसके लिए कानून बनाएगी. यह भी देखें बाजार पूंजीकरण में गिरावट से चार कंपनियों को हुआ नुकसान आज तय होगा लखनऊ के टीसीएस का भविष्य