मिली जानकारी के मुताबिक़ बताया जा रहा है की दिल्‍ली में आप सरकार ने CBSE बोर्ड से एक मांग की थी की 10वीं कक्षा के छात्रों के लिए सेमेस्टर प्रणाली शुरू की जाए छात्रों को परीक्षा प्रारूप में आधे पाठ्यक्रमों के आधार पर आंका जाए ,पर CBSE ने की गई इस मांग को खारिज करते हुए यह फैसला किया है कि दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले विद्यालयों के छात्रों को पूर्ण पाठ्यक्रम के आधार पर अनिवार्य रूप से 10वीं कक्षा की बोर्ड की परीक्षाएं देनी होंगी. सीबीएसई बोर्ड ने दिल्ली सरकार को लिखे अपने पत्र में कहा है कि वह अपने मानदंड केवल एक राज्य के लिए नहीं बदला सकता.ऑप्‍शनल टेस्‍ट और ऑटोमैटिक प्रमोशन सिस्‍टम की व्यापक आलोचना के बाद, सीबीएसई ने यह स्पष्ट कर दिया था कि 2017- 2018 के शैक्षणिक सत्र के लिए 10वीं कक्षा में बोर्ड की परीक्षा अनिवार्य होगी. बताया जा रहा है की बोर्ड के अधिकारियों ने कहा है कि सेमेस्‍टर आधारित मूल्यांकन को बोर्ड परीक्षा नहीं कहा जा सकता क्‍योंकि यह एक वार्षिक पाठ्यक्रम के आधार पर होनी चाहिए. बैचलर ऑफ कॉमर्स में करियर बनाने के लिए एक बेहतर संस्थान सब्जेक्ट चूसे करते टाइम ऐसा होता है घरवालों का रिएक्शन क्या आप भी संस्कृत से एम. ए.करना चाहते है ? एंथ्रोपोलॉजी में आप भी बनाएं अपना करियर और पाएं एक बेहतर जॉब